लोगों को अपना गुलाम बनाना , उनका शोषण करना , अन्याय , अत्याचार करना , नारी जाति को उत्पीड़ित करना ----- यह हर उस व्यक्ति की प्रवृति है जिसके पास थोड़ी भी ताकत है l यदि दंड का भय न हो तो समाज में कायरता बढ़ जाती है l समाज में सारे उत्पीड़न का दायित्व कायर लोगों पर है , कायरता इस समाज का सबसे बड़ा कलंक है l इसी वजह से हम सदियों तक गुलाम रहे l राजनैतिक रूप से चाहे हम आजाद हो गए हों , पर शोषण , अत्याचार , अन्याय समाप्त नहीं हुआ l अत्याचारी के चेहरे बदल गए , नये कलाकार आ गये l
सही मायने में हम तभी आजाद होंगे जब लोगों की दुष्प्रवृत्तियों पर अंकुश होगा l दुष्प्रवृत्तियों का अंधकार बहुत सघन है , जनता अपना रोल -माँडल किसे चुने ?
सही मायने में हम तभी आजाद होंगे जब लोगों की दुष्प्रवृत्तियों पर अंकुश होगा l दुष्प्रवृत्तियों का अंधकार बहुत सघन है , जनता अपना रोल -माँडल किसे चुने ?
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