जनसँख्या के एक छोटे से भाग के पास ही धन , पद व प्रतिष्ठा होती है , यदि इस शक्ति का सदुपयोग किया जाता है तो पूरे समाज का , जनसँख्या के एक बड़े भाग का कल्याण होता है लेकिन जब इस शक्ति का दुरूपयोग होता है , इन लोगों में अपने इस ' सुख ' का लालच आ जाता है तो उसका परिणाम यह होता है कि धन व पद के ठेकेदार तो अपने मजबूत घरों में सुरक्षित रहते हैं , चैन की वंशी बजाते हैं और आम जनता , जनसँख्या का एक बड़ा भाग अराजकता और अव्यवस्था में पिसता और भयभीत रहता है l
जनता को अब जागने की और स्वाभिमान से जीने की जरुरत है l आज हर व्यक्ति स्वार्थी हो गया है , लोगों को सम्मोहित कर के , तरह - तरह से बेवकूफ बनाकर लोग अपना स्वार्थ सिद्ध करते हैं l जब लोग अपनी मेहनत, अपने ईमान पर भरोसा करके स्वाभिमान से जीना सीखेंगे तभी शान्ति होगी l
जनता को अब जागने की और स्वाभिमान से जीने की जरुरत है l आज हर व्यक्ति स्वार्थी हो गया है , लोगों को सम्मोहित कर के , तरह - तरह से बेवकूफ बनाकर लोग अपना स्वार्थ सिद्ध करते हैं l जब लोग अपनी मेहनत, अपने ईमान पर भरोसा करके स्वाभिमान से जीना सीखेंगे तभी शान्ति होगी l
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