धन - सम्पति जरुरी भी है लेकिन इसकी अधिकता से व्यक्ति चाहे कोई भी हो उसमे बुरी आदतों का समावेश होने लगता है l बहुत कम ऐसे लोग होते हैं जो धन का सदुपयोग करें , बुराइयों से बचे रहें l आजकल के बाबा - बैरागियों के पास अपार सम्पदा है , यह सम्पदा देश - दुनिया में कहाँ तक फैली है , इसका आकलन करना कठिन है l एक सामान्य व्यक्ति के पास तो देने के लिए अपनी आस्था और श्रद्धा है , वह अपनी मेहनत की कमाई में से बहुत कम चढ़ावा चढ़ा पाता है , फिर इन बाबाओं के पास करोड़ों की सम्पदा , इतना वैभव कहाँ से आता है l जो लोग गलत रास्ते से अपार धन कमाते है , वे ऐसे बाबाओं के माध्यम से अपना धन ठिकाने लगाते हैं l इससे उन्हें दोहरा लाभ हो जाता है --- एक तो मन का अपराध - बोध कुछ कम हो जाता है और दूसरा वे इनके माध्यम से अपने बड़े - बड़े , हर तरह के स्वार्थ सिद्ध कर लेते हैं l अब जरुरत है जागरूकता की , अपनी क्षमताओं पर और उस अज्ञात शक्ति पर विश्वास रखने की l
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