आज समाज स्वार्थ की नींद में सोया हुआ है l जो प्रौढ़ और बुजुर्ग हैं उन्हें लगता है कि जीवन कब हाथ से फिसल जाये जितना सुख भोग सको भोग लो l काम , क्रोध , लोभ -- आखिरी सांस तक इसी के पीछे दौड़ते हैं l निष्काम कर्म और त्याग का जीवन जीने वाले तो बहुत कम लोग हैं l इसी तरह युवा वर्ग है जो नशा , मौज - मस्ती को ही जवानी समझता है l
युवा वर्ग के सामने समस्या चाहे बेरोजगारी की हो , पर्यावरण प्रदूषण की हो या अपने अस्तित्व को बनाये रखने की हो उसके समाधान के लिए जागरूकता और विवेक की जरुरत है l
युवा वर्ग के सामने समस्या चाहे बेरोजगारी की हो , पर्यावरण प्रदूषण की हो या अपने अस्तित्व को बनाये रखने की हो उसके समाधान के लिए जागरूकता और विवेक की जरुरत है l
No comments:
Post a Comment