महाभारत में भगवन श्रीकृष्ण ने अर्जुन के जीवन की बागडोर अपने हाथ में ले ली क्योंकि अर्जुन में नम्रता थी अहंकार नहीं था l कहते हैं ईश्वर जिस पर कृपा करते हैं उसे सद्बुद्धि देते हैं और जो अहंकारी है , अत्याचारी है उसे दुर्बुद्धि देते हैं l फिर ईश्वर को हथियार नहीं उठाना पड़ता , अहंकारी की दुर्बुद्धि ही उसका अंत कर देती है l
अहंकारी व्यक्ति को ये बात समझ में नहीं आती कि उसके अत्याचार से तंग आकर लोगों के ह्रदय में उसके लिए कितनी नफरत भर गई होगी l एक घटना है ---- एक परिवार में पति - पत्नी और एक बच्चा था l एक दुष्ट व्यक्ति ने उन पर बहुत अत्याचार किये , उनकी सम्पति आदि सब हड़प ली , फिर भी हर तरह से परेशान करता था l गरीबी , अत्याचार इन सबसे तंग आकर पत्नी दूसरे बच्चे को जन्म देकर चल बसी l लेकिन अत्याचार का अंत नहीं हुआ l पिता के साथ यातनाएं सहते - सहते वह बच्चा चार वर्ष का हो गया l एक दिन अपने पिता के साथ अपने छोटे से नाममात्र के खेत पर जा रहा था कि उस दुष्ट व्यक्ति ने आकर उसके पिता को बहुत मारा - पीटा, अभद्र भाषा बोली l अचानक उस बच्चे ने अपने छोटे , कमजोर हाथ से एक छोटा सा पत्थर उठाया और उस छह फुट लम्बे आदमी को दे मारा , जो उसकी आँख में लगा l वह सन्न रह गया l उसने कसकर बच्चे का हाथ पकड़ा तो बच्चे ने उसके हाथ में काट लिया l अब बच्चे की खैर नहीं थी l उसी समय एक साधु आ गया , उसने बीच - बचाव कर के बच्चे को बचा लिया l और उस दुष्ट आदमी को कहा कि बच्चे ने जो किया , वह तुम्हारे ही अत्याचार की कहानी है l ----
हमें ईश्वर से डरना चाहिए , अति का अहंकार प्रकृति भी सहन नहीं करती l
अहंकारी व्यक्ति को ये बात समझ में नहीं आती कि उसके अत्याचार से तंग आकर लोगों के ह्रदय में उसके लिए कितनी नफरत भर गई होगी l एक घटना है ---- एक परिवार में पति - पत्नी और एक बच्चा था l एक दुष्ट व्यक्ति ने उन पर बहुत अत्याचार किये , उनकी सम्पति आदि सब हड़प ली , फिर भी हर तरह से परेशान करता था l गरीबी , अत्याचार इन सबसे तंग आकर पत्नी दूसरे बच्चे को जन्म देकर चल बसी l लेकिन अत्याचार का अंत नहीं हुआ l पिता के साथ यातनाएं सहते - सहते वह बच्चा चार वर्ष का हो गया l एक दिन अपने पिता के साथ अपने छोटे से नाममात्र के खेत पर जा रहा था कि उस दुष्ट व्यक्ति ने आकर उसके पिता को बहुत मारा - पीटा, अभद्र भाषा बोली l अचानक उस बच्चे ने अपने छोटे , कमजोर हाथ से एक छोटा सा पत्थर उठाया और उस छह फुट लम्बे आदमी को दे मारा , जो उसकी आँख में लगा l वह सन्न रह गया l उसने कसकर बच्चे का हाथ पकड़ा तो बच्चे ने उसके हाथ में काट लिया l अब बच्चे की खैर नहीं थी l उसी समय एक साधु आ गया , उसने बीच - बचाव कर के बच्चे को बचा लिया l और उस दुष्ट आदमी को कहा कि बच्चे ने जो किया , वह तुम्हारे ही अत्याचार की कहानी है l ----
हमें ईश्वर से डरना चाहिए , अति का अहंकार प्रकृति भी सहन नहीं करती l
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