इस संसार में सदा से ही देवता और असुरों में , अच्छाई और बुराई में संघर्ष रहा है l रामायण से हमें समझना होगा कि असुर केवल देवताओं पर आक्रमण ही नहीं करते , वे उन स्थलों को भी अपवित्र करते हैं जहाँ से देवत्व का , सद्प्रवृतियों का निर्माण होता है l असुरों ने हमेशा ऋषियों के आश्रम को निशाना बनाया , यज्ञ, हवन को अपवित्र किया l उस समय में आश्रम में , गुरुकुल में बच्चे अध्ययन करते थे , उनकी स्थिति कितनी दयनीय हो गई होगी यह समझा जा सकता है l
आज स्थिति विकट हो गई है अपराधी और दुष्प्रवृति के लोग समाज में घुल - मिलकर रहते हैं l चेहरे पर शराफत का आवरण होता है लेकिन प्रवृति तो वही आसुरी है l वे अपने अपराध को अंजाम देने के लिए उस असुरों की तरह उन्ही स्थलों को चुनते हैं जिन पर सामान्य जनता आसानी से शक न कर सके l अब भगवान राम जन्म नहीं लेंगे , ईश्वर चाहते हैं कि सोया हुआ मनुष्य अब जागे , जागरूक बने , और सच्चा इनसान बने l
कहते हैं जो महाभारत में है वही इस धरती पर है l महाभारत काल में छल - कपट अपनी चरम सीमा पर था l दुर्योधन आदि कौरवों ने छल से पांडवों का राज्य भी हथिया लिया , उन्हें वन भेज दिया और चैन से जीने भी नहीं दिया l तब भगवान कृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश दिया -- समस्याओं से डर कर भागना नहीं है , हाथ पर हाथ रखकर बैठना नहीं है , युद्ध करो , कर्मयोगी बनो l जो कर्मयोगी होता है उसके जीवन रूपी रथ की बागडोर भगवान स्वयं सँभालते हैं और जिसके साथ ईश्वर है उसकी विजय निश्चित है l
आज स्थिति विकट हो गई है अपराधी और दुष्प्रवृति के लोग समाज में घुल - मिलकर रहते हैं l चेहरे पर शराफत का आवरण होता है लेकिन प्रवृति तो वही आसुरी है l वे अपने अपराध को अंजाम देने के लिए उस असुरों की तरह उन्ही स्थलों को चुनते हैं जिन पर सामान्य जनता आसानी से शक न कर सके l अब भगवान राम जन्म नहीं लेंगे , ईश्वर चाहते हैं कि सोया हुआ मनुष्य अब जागे , जागरूक बने , और सच्चा इनसान बने l
कहते हैं जो महाभारत में है वही इस धरती पर है l महाभारत काल में छल - कपट अपनी चरम सीमा पर था l दुर्योधन आदि कौरवों ने छल से पांडवों का राज्य भी हथिया लिया , उन्हें वन भेज दिया और चैन से जीने भी नहीं दिया l तब भगवान कृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश दिया -- समस्याओं से डर कर भागना नहीं है , हाथ पर हाथ रखकर बैठना नहीं है , युद्ध करो , कर्मयोगी बनो l जो कर्मयोगी होता है उसके जीवन रूपी रथ की बागडोर भगवान स्वयं सँभालते हैं और जिसके साथ ईश्वर है उसकी विजय निश्चित है l
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