बच्चे की प्रथम पाठशाला उसका परिवार है l यदि इस बात पर ध्यान दें तो देखेंगे कि परिवार के सदस्य परस्पर और मित्रों से बच्चे के सामने जिस भाषा का , जिन अच्छे - बुरे शब्दों का इस्तेमाल करते हैं , बच्चा जब बोलने लगता है तब वह भी उन्ही शब्दों का इस्तेमाल करता है l परिवार के लड़ाई - झगडे , आपस में एक दूसरे का अपमान , तिरस्कार , उपेक्षा , किसी को अपने से हीन समझना , झूठ बोलना आदि अनेक दुर्गुण बच्चा अपनी घुट्टी के साथ बिना सिखाये ही सीख जाता है और बड़े होकर वह परिवार और समाज में वैसा ही व्यवहार करता है l
आचरण से ही शिक्षा दी जा सकती है l भाषण , उपदेश , मार , भय , दंड आदि से आप किसी को अच्छा नहीं बना सकते l
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