जीवन में जब कभी भी घोर संकट हो , कठिन परिस्थितियां हो तब हमें धैर्य रखना चाहिए , चिंता नहीं करनी चाहिए । चिंता करने से कभी कोई समस्या हल नहीं होती । अधिकांश व्यक्ति चिंता करने में ही सारा समय गुजार देते हैं , समस्या का हल नही खोजते । इसलिए चिंता करते -करते वे विभिन्न बीमारियों से ग्रस्त हो जाते हैं ।
जीवन में समस्याएं आने पर जैसे --- नौकरी चली गई , व्यवसाय में घाटा हुआ , पारिवारिक झगड़े , परस्पर कलह आदि विभिन्न ऐसी समस्याएं हैं जिनका तुरंत कोई हल नहीं सूझता इसलिए हमें धैर्य की जरुरत होती है । ऐसी परिस्थितियों में हम ईश्वर से प्रार्थना करें कि वे हमारे जीवन को सही दिशा दें , निष्काम कर्म करें जिससे प्रकृति प्रसन्न होती है , सत्कर्म के परिणामस्वरूप जो दुआएं मिलती हैं उनसे सभी विध्न बाधाएं दूर होने लगती हैं । इसलिए चिंता करने में समय व स्वास्थ्य नहीं गंवाएं और निष्काम कर्म करते हुए कर्तव्य पालन करें और सकारात्मक चिंतन तथा सकारात्मक कार्य करें , समस्याएं स्वत: ही हल हो जाएंगी ।
जीवन में समस्याएं आने पर जैसे --- नौकरी चली गई , व्यवसाय में घाटा हुआ , पारिवारिक झगड़े , परस्पर कलह आदि विभिन्न ऐसी समस्याएं हैं जिनका तुरंत कोई हल नहीं सूझता इसलिए हमें धैर्य की जरुरत होती है । ऐसी परिस्थितियों में हम ईश्वर से प्रार्थना करें कि वे हमारे जीवन को सही दिशा दें , निष्काम कर्म करें जिससे प्रकृति प्रसन्न होती है , सत्कर्म के परिणामस्वरूप जो दुआएं मिलती हैं उनसे सभी विध्न बाधाएं दूर होने लगती हैं । इसलिए चिंता करने में समय व स्वास्थ्य नहीं गंवाएं और निष्काम कर्म करते हुए कर्तव्य पालन करें और सकारात्मक चिंतन तथा सकारात्मक कार्य करें , समस्याएं स्वत: ही हल हो जाएंगी ।
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