यदि आप सुख - शांति से जीवन जीना चाहते हैं तो आपको अपने हृदय में धैर्य को विकसित करना होगा ------ और धैर्य तभी होगा जब आपको प्रकृति पर , अज्ञात शक्ति पर विश्वास होगा ।
हर रात के बाद सुबह होती है , संसार की कोई भी ताकत सुबह को आने से रोक नहीं सकती ।
धैर्य का मतलब चुपचाप बैठना नहीं है , हमें विपरीत और कठिन परिस्थितियों पर चारों तरफ से आक्रमण करना होगा --- 1. दुःख में , विपरीत परिस्थिति में स्वयं को सकारात्मक कार्य में व्यस्त रखे 2. अपनी कठिनाइयों की चर्चा संसार से न करें , ईश्वर से कहें , चलते -फ़िरते , उठते -बैठते , कर्म करते हुए मन -ही -मन प्रार्थना करें , कर्तव्य पालन करें
3 . प्रकृति को प्रसन्न करने के लिए निष्काम कर्म करें , सेवा , परोपकार का कोई कार्य अवश्य करें
4. प्रकृति हमारे हर विचार की , हर कर्म की गवाह है , इसलिए हमें बहुत सजग रहना है , हम कहीं कोई गलत कार्य न करें -- ईश्वर हमें सद्बुद्धि दें ।
आज संसार की अधिकांश समस्याओं का कारण --- धैर्य की कमी है ।
हम धैर्य रखें , ईश्वर के प्रेम पर भरोसा रखें , ईश्वर हम सबको बहुत चाहते हैं , हमें निखारने के लिए ही कठिनाइयां रचते हैं , परीक्षा लेते हैं । हम प्रयास करें कि इन परीक्षाओं में पास हो जायें ताकि ईश्वर को भी अपनी चाहत पर गर्व हो ।
हर रात के बाद सुबह होती है , संसार की कोई भी ताकत सुबह को आने से रोक नहीं सकती ।
धैर्य का मतलब चुपचाप बैठना नहीं है , हमें विपरीत और कठिन परिस्थितियों पर चारों तरफ से आक्रमण करना होगा --- 1. दुःख में , विपरीत परिस्थिति में स्वयं को सकारात्मक कार्य में व्यस्त रखे 2. अपनी कठिनाइयों की चर्चा संसार से न करें , ईश्वर से कहें , चलते -फ़िरते , उठते -बैठते , कर्म करते हुए मन -ही -मन प्रार्थना करें , कर्तव्य पालन करें
3 . प्रकृति को प्रसन्न करने के लिए निष्काम कर्म करें , सेवा , परोपकार का कोई कार्य अवश्य करें
4. प्रकृति हमारे हर विचार की , हर कर्म की गवाह है , इसलिए हमें बहुत सजग रहना है , हम कहीं कोई गलत कार्य न करें -- ईश्वर हमें सद्बुद्धि दें ।
आज संसार की अधिकांश समस्याओं का कारण --- धैर्य की कमी है ।
हम धैर्य रखें , ईश्वर के प्रेम पर भरोसा रखें , ईश्वर हम सबको बहुत चाहते हैं , हमें निखारने के लिए ही कठिनाइयां रचते हैं , परीक्षा लेते हैं । हम प्रयास करें कि इन परीक्षाओं में पास हो जायें ताकि ईश्वर को भी अपनी चाहत पर गर्व हो ।
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