आज के समय में व्यक्ति की अशांति का, सिर में भारीपन, ब्लडप्रेशर का मुख्य कारण ----' बहुत बोलना ' है । सुबह जब से आँख खुलती है तब से रात तक व्यक्ति बोलता ही रहता है ।
कभी परिवार में, फिर दोस्तों में, फ़ोन पर--- इस तरह की बातचीत में सकारात्मक कोई कार्य नहीं होता, केवल बोलने से अपनी ऊर्जा नष्ट होती है । कार्यालयों में, कंपनी में एक ही तरह का कार्य करते हुए व्यक्ति उस कार्य में कुशल हो जाता है, जिसे वह बहुत जल्दी कर लेता है, अत: शेष समय व्यर्थ की गप-शप में, दूसरों को नीचा दिखाने, स्वयं को श्रेष्ठ साबित करने में बोल-बोल कर व्यतीत करता है । इसका परिणाम यह होता ही कि शाम को घर पहुँचने से पहले ही सिरदर्द, तनाव, चिडचिडापन आ जाता है । एक व्यक्ति यदि चुप रहे भी तों शेष लोग इतना बोलते हैं कि सिरदर्द हो जाता है ।
अब आज के समय में कहीं पहाड़ पर, किसी एकांत स्थान पर जाकर मौन रहना संभव नहीं है । हमें सारी साधनाएँ इसी संसार मे रहकर करनी हैं । हम अपने परिवार में, दोस्तों में एक दूसरे को कुछ समय मौन रहने के लिये प्रेरित करें । इस बात का विशेष ध्यान रखें कि मौन के समय मन किन्ही गलत बातों में न भागे , मौन की अवधि में हम उस अज्ञात शक्ति से मन ही मन बात कर लें ।
यदि विभिन्न ऑफिस मे, कंपनी मे लंच ब्रेक के साथ 10-15 मिनट का ' स्वास्थ्य के लिए मौन ' हो जाये और उस अवधि मे सब अपने-अपने ईश्वर से मन-ही-मन प्रार्थना करें तो संसार में बहुत शांति हो जाये ।
कभी परिवार में, फिर दोस्तों में, फ़ोन पर--- इस तरह की बातचीत में सकारात्मक कोई कार्य नहीं होता, केवल बोलने से अपनी ऊर्जा नष्ट होती है । कार्यालयों में, कंपनी में एक ही तरह का कार्य करते हुए व्यक्ति उस कार्य में कुशल हो जाता है, जिसे वह बहुत जल्दी कर लेता है, अत: शेष समय व्यर्थ की गप-शप में, दूसरों को नीचा दिखाने, स्वयं को श्रेष्ठ साबित करने में बोल-बोल कर व्यतीत करता है । इसका परिणाम यह होता ही कि शाम को घर पहुँचने से पहले ही सिरदर्द, तनाव, चिडचिडापन आ जाता है । एक व्यक्ति यदि चुप रहे भी तों शेष लोग इतना बोलते हैं कि सिरदर्द हो जाता है ।
अब आज के समय में कहीं पहाड़ पर, किसी एकांत स्थान पर जाकर मौन रहना संभव नहीं है । हमें सारी साधनाएँ इसी संसार मे रहकर करनी हैं । हम अपने परिवार में, दोस्तों में एक दूसरे को कुछ समय मौन रहने के लिये प्रेरित करें । इस बात का विशेष ध्यान रखें कि मौन के समय मन किन्ही गलत बातों में न भागे , मौन की अवधि में हम उस अज्ञात शक्ति से मन ही मन बात कर लें ।
यदि विभिन्न ऑफिस मे, कंपनी मे लंच ब्रेक के साथ 10-15 मिनट का ' स्वास्थ्य के लिए मौन ' हो जाये और उस अवधि मे सब अपने-अपने ईश्वर से मन-ही-मन प्रार्थना करें तो संसार में बहुत शांति हो जाये ।
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