जिसके पास जितना अधिक धन है वह उतना ही अधिक असंतुष्ट और परेशान है । व्यक्ति ने अब धन कमाने का शार्टकट सीख लिया है और इसी शार्टकट को वह अपना कर्तव्य समझने की भूल कर रहा है । हम देखते हैं कि एक मजदूर दिनभर मेहनत करता है, पसीना बहाता है और रुखा-सूखा खाकर भी स्वस्थ रहता है लेकिन जो व्यक्ति कम समय और कम मेहनत में बहुत अधिक कमाता है वही सबसे ज्यादा अशांत रहता है । इसका कारण है कि 24 घंटे में से कुछ घंटे में ही शार्टकट से बहुत कमा लिया अत: शेष बचे घंटे दोस्तों में गप-शप करने, धन कमाने के और नये तरीके खोजने में, अपना ग्रुप बढ़ाने और दूसरों पर अपना रुतबा जमाने में व्यतीत करते हैं । कहते हैं-' -खाली मन शैतान का घर ' । ऐसे व्यक्ति स्वयं अशांत रहकर समाज में, परिवार में अशांति फैलाते हैं ।
धन कमाना अच्छी बात है, लेकिन शांति तभी होगी जब धन का सदुपयोग होगा । धन कमाने के अतिरिक्त स्वयं कुछ नया सीखने में, सकारात्मक कार्य मे, और समाज के हित में यदि व्यक्ति अपने धन का कुछ हिस्सा व्यय करे तो व्यक्ति ठाठ-बाट का जीवन भी सुख-शांति से जी सकता है ।
धन कमाना अच्छी बात है, लेकिन शांति तभी होगी जब धन का सदुपयोग होगा । धन कमाने के अतिरिक्त स्वयं कुछ नया सीखने में, सकारात्मक कार्य मे, और समाज के हित में यदि व्यक्ति अपने धन का कुछ हिस्सा व्यय करे तो व्यक्ति ठाठ-बाट का जीवन भी सुख-शांति से जी सकता है ।
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