आज के समय में व्यक्ति सारी भौतिक सुख-सुविधाएँ बहुत जल्दी चाहता है , अपनी मेहनत से प्राप्त आय में से छोटी-छोटी धनराशी जोड़कर विभिन्न सुख-सुविधा की वस्तुओं को खरीदने का धैर्य अब मनुष्य में नहीं है । आज व्यक्ति अपनी सुख-सुविधा जोड़ने के लिए बैंको से ,व्यक्तियों से यहाँ तक कि एक देश दूसरे देश से उधार लेता है ।
उधार लेने का अर्थ है--- दूसरे के सामने हाथ पसारना, अपने स्वाभिमान को समाप्त कर देना और उधार देने वाले को यह हिम्मत देना कि अब वह उधार देने की धौंस दिखाकर हम पर हुकूमत चलाये, शोषण करे ।
बार-बार यह कहते रहना कि अमीर, गरीब का शोषण करता है, उसका खून चूसता है----- यह जीवन जीने का तरीका नहीं है | ऐसा कहने व सोचने से हमारी ऊर्जा नष्ट होती है । यदि कोई अमीर है, उच्च पद पर है तो वह बना रहे, हम उसके पास कभी भी किसी सुविधा-सहायता के लिए न जाएँ । शोषण हमेशा मजबूरी का होता है । हम अपनी मेहनत और ईश्वर की कृपा पर विश्वास रखें । कोई भी काम छोटा नहीं होता, परिश्रम करें और स्वाभिमान से रहें ।
जब ऐसे स्वाभिमानी व्यक्ति अधिक हो जायेंगे, जिन्हें किसी की अमीरी से कोई मतलब नहीं होगा, तब जीवन में सुख-चैन होगा ।
उधार लेने का अर्थ है--- दूसरे के सामने हाथ पसारना, अपने स्वाभिमान को समाप्त कर देना और उधार देने वाले को यह हिम्मत देना कि अब वह उधार देने की धौंस दिखाकर हम पर हुकूमत चलाये, शोषण करे ।
बार-बार यह कहते रहना कि अमीर, गरीब का शोषण करता है, उसका खून चूसता है----- यह जीवन जीने का तरीका नहीं है | ऐसा कहने व सोचने से हमारी ऊर्जा नष्ट होती है । यदि कोई अमीर है, उच्च पद पर है तो वह बना रहे, हम उसके पास कभी भी किसी सुविधा-सहायता के लिए न जाएँ । शोषण हमेशा मजबूरी का होता है । हम अपनी मेहनत और ईश्वर की कृपा पर विश्वास रखें । कोई भी काम छोटा नहीं होता, परिश्रम करें और स्वाभिमान से रहें ।
जब ऐसे स्वाभिमानी व्यक्ति अधिक हो जायेंगे, जिन्हें किसी की अमीरी से कोई मतलब नहीं होगा, तब जीवन में सुख-चैन होगा ।
good to read such things...keeps u motivated
ReplyDeletevery nice thought ...
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