आज व्यक्ति अपने दैनिक जीवन में इतनी गलतियां करता है कि वे इकठ्ठा होकर पाप का पहाड़ बन जाती हैं जैसे --- झूठ बोलना , किसी का अहित करना , ईर्ष्या के कारण दूसरों के विरुद्ध षड्यंत्र रचना , अपने कार्य -व्यवसाय में बेईमानी करना , किसी का धन हड़पना , हिंसा आदि अनेक ऐसी गलतियाँ हैं जो व्यक्ति अपने जीवन में करता है । ऐसे लोगों के जीवन में जब कोई बड़ी बीमारी या विपदा आती है तो भी वे बदलते नहीं । लोग इस सत्य को समझना नहीं चाहते कि उनके कष्टों का कारण उन्ही के कर्म हैं ।
ऐसे व्यक्ति ही परिवार में, समाज में अशान्ति पैदा करते हैं । आज ऐसे ही लोगों की अधिकता है, अशांति पैदा करना , दूसरों को परेशान करना ही उनका स्वभाव है ।
जिनके जीवन में सुख है उन्हें यह समझना चाहिए कि उनने कोई पुण्य किये होंगे इसीलिए यह सुख है । सुख का भण्डार खत्म होने में देर नहीं लगती । अत: सुख के समय में अहंकार न करें और नियमित निष्काम कर्म करें, ताकि यह भण्डार भरा रहे । इससे उन्हें भी लाभ होगा , मन को शान्ति मिलेगी और समाज में सकारात्मकता बढ़ेगी ।
ऐसे व्यक्ति ही परिवार में, समाज में अशान्ति पैदा करते हैं । आज ऐसे ही लोगों की अधिकता है, अशांति पैदा करना , दूसरों को परेशान करना ही उनका स्वभाव है ।
जिनके जीवन में सुख है उन्हें यह समझना चाहिए कि उनने कोई पुण्य किये होंगे इसीलिए यह सुख है । सुख का भण्डार खत्म होने में देर नहीं लगती । अत: सुख के समय में अहंकार न करें और नियमित निष्काम कर्म करें, ताकि यह भण्डार भरा रहे । इससे उन्हें भी लाभ होगा , मन को शान्ति मिलेगी और समाज में सकारात्मकता बढ़ेगी ।
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