आज के समय में सही और गलत की पहचान बड़ी कठिन हो गई है |प्रत्येक व्यक्ति एक मुखौटा लगाकर समाज में रह रहा है | कब कौन धोखा दे जाये , यह जानना बहुत कठिन है | तृष्णा, कामना और वासना मनुष्य पर हावी है |
ऐसी स्थिति में शान्ति से जीने के लिए ---- ' प्रेम सबसे करो , विश्वास किसी पर न करो ' ।
अशान्त मन:स्थिति के लोगों की अधिकता है , धन के लालच ने मनुष्यों को निर्दयी और अत्याचारी बना दिया है । ऐसी स्थिति में जरुरी है कि जो सन्मार्ग पर चलना चाहते हैं वे अपने मन को शान्त रखें , व्यर्थ के विवाद से बचें । निरंतर सत्कर्म करते हुए अपने कर्तव्य का पालन करें ।
ऐसी स्थिति में शान्ति से जीने के लिए ---- ' प्रेम सबसे करो , विश्वास किसी पर न करो ' ।
अशान्त मन:स्थिति के लोगों की अधिकता है , धन के लालच ने मनुष्यों को निर्दयी और अत्याचारी बना दिया है । ऐसी स्थिति में जरुरी है कि जो सन्मार्ग पर चलना चाहते हैं वे अपने मन को शान्त रखें , व्यर्थ के विवाद से बचें । निरंतर सत्कर्म करते हुए अपने कर्तव्य का पालन करें ।
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