कोई भी व्यक्ति सर्वगुणसंपन्न नहीं होता , प्रत्येक में कोई - न - कोई कमी होती है । किसी में कोई शारीरिक कमी होती है , किसी को कोई बीमारी होती है , कोई गरीब है , कोई नीची जाति का है कई लोग अपनी कमियों के प्रति बड़े संवेदनशील होते हैं । किसी ने कोई व्यंग्य कर दिया , किसी ने हँसी उड़ा दी , तो समाज के , अपनों के ऐसे व्यावहार से उनमे हीनता की भावना आ जाती है । यह हीनता की भावना व्यक्ति की तरक्की में सबसे बड़ी रूकावट है ।
आज प्रतियोगिता का युग है । ऐसे समय में दूसरों की उपेक्षा करना , उनकी खिल्ली करना , उन्हें नीचा दिखाना ---- इन कार्यों को लोग अस्त्र की तरह इस्तेमाल करते हैं ताकि सामने वाला हीन भावना से ग्रस्त हो जाये , और सब तरफ वे ही छाये रहें , उनका वर्चस्व रहे ।
इसलिए यदि अपने जीवन में सफल होना है तो अपने मन को फौलाद की तरह मजबूत बनाओ , किसी के प्रहार से घायल न हो । बिच्छू का तो स्वाभाव ही होता है डंक मारना, उसे नहीं बदला जा सकता ।
अपनी जिन्दगी में जो अभाव है उसे ख़ुशी से स्वीकार करो । कोई हँसी उड़ाता है , नीचा दिखाने का प्रयास करता है तो उस पर ध्यान मत दो, निरन्तर सही रास्ते से आगे बढ़ने का प्रयास करो ।
आत्मविश्वास से ही व्यक्तित्व प्रकाशित होता है ।
आज प्रतियोगिता का युग है । ऐसे समय में दूसरों की उपेक्षा करना , उनकी खिल्ली करना , उन्हें नीचा दिखाना ---- इन कार्यों को लोग अस्त्र की तरह इस्तेमाल करते हैं ताकि सामने वाला हीन भावना से ग्रस्त हो जाये , और सब तरफ वे ही छाये रहें , उनका वर्चस्व रहे ।
इसलिए यदि अपने जीवन में सफल होना है तो अपने मन को फौलाद की तरह मजबूत बनाओ , किसी के प्रहार से घायल न हो । बिच्छू का तो स्वाभाव ही होता है डंक मारना, उसे नहीं बदला जा सकता ।
अपनी जिन्दगी में जो अभाव है उसे ख़ुशी से स्वीकार करो । कोई हँसी उड़ाता है , नीचा दिखाने का प्रयास करता है तो उस पर ध्यान मत दो, निरन्तर सही रास्ते से आगे बढ़ने का प्रयास करो ।
आत्मविश्वास से ही व्यक्तित्व प्रकाशित होता है ।
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