संसार में हर तरह के व्यक्ति है --- अनेक ऐसे हैं जिन्हें शान्ति चाहिए ही नहीं । ऐसे लोगों को झगड़ा करने , षड्यंत्र रचने और लोगों को आपस में लड़ाने में ही आनंद आता है । आज ऐसे लोगों की ही अधिकता है , इसी कारण समाज में अशान्ति है ।
जो लोग शान्ति चाहते हैं वे शान्ति की खोज बाहर करते हैं --- अनेक प्रकार के कर्मकांड करेंगे , धर्म के ठेकेदारों के पास जायेंगे जैसे ' शान्ति ' उनके पास झोले में रखी हो , चढ़ावे से खुश होकर वे आपको दे देंगे ।
यदि ऐसा होता तो आज संसार से अपराध , युद्ध खत्म हो गये होते , इतनी अधिक बीमारियाँ न होतीं , समाज में इतना अन्याय , अत्याचार , भ्रष्टाचार न होता !
आज सबसे ज्यादा जरुरी है कि हम अपने मन को शांत रखें , जब हमारा मन शांत होगा तब बाहर का कोलाहल भी हमें अशांत नहीं कर पायेगा । जब अधिकांश लोगों के मन शान्त होंगे तो समाज में अपने आप शान्ति आ जायेगी ।
इसका एक ही तरीका है --- अपनी बुराइयों को दूर करें और अपने ह्रदय में सच्चाई , ईमानदारी , धैर्य साहस , दया , संवेदना आदि सद्गुणों को विकसित करें । सद्गुणों को विकसित करने से ही मन शांत रहेगा और सकारात्मक कार्यों में रूचि बढ़ेगी साथ ही अशांत और दुष्ट स्वाभाव के व्यक्तियों से मुकाबला करने के लिए आत्म विश्वास , विवेक और साहस विकसित होगा ।
जो लोग शान्ति चाहते हैं वे शान्ति की खोज बाहर करते हैं --- अनेक प्रकार के कर्मकांड करेंगे , धर्म के ठेकेदारों के पास जायेंगे जैसे ' शान्ति ' उनके पास झोले में रखी हो , चढ़ावे से खुश होकर वे आपको दे देंगे ।
यदि ऐसा होता तो आज संसार से अपराध , युद्ध खत्म हो गये होते , इतनी अधिक बीमारियाँ न होतीं , समाज में इतना अन्याय , अत्याचार , भ्रष्टाचार न होता !
आज सबसे ज्यादा जरुरी है कि हम अपने मन को शांत रखें , जब हमारा मन शांत होगा तब बाहर का कोलाहल भी हमें अशांत नहीं कर पायेगा । जब अधिकांश लोगों के मन शान्त होंगे तो समाज में अपने आप शान्ति आ जायेगी ।
इसका एक ही तरीका है --- अपनी बुराइयों को दूर करें और अपने ह्रदय में सच्चाई , ईमानदारी , धैर्य साहस , दया , संवेदना आदि सद्गुणों को विकसित करें । सद्गुणों को विकसित करने से ही मन शांत रहेगा और सकारात्मक कार्यों में रूचि बढ़ेगी साथ ही अशांत और दुष्ट स्वाभाव के व्यक्तियों से मुकाबला करने के लिए आत्म विश्वास , विवेक और साहस विकसित होगा ।
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