प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में ऐसे अवसर आते हैं कि कभी उसे सब ओर से प्रशंसा मिलती है तो कभी हर कोई उसकी निन्दा करता है l अपने प्रति लोगों का जो भी विचार हो उसका अपने मन पर असर न होने दें । निन्दा और प्रशंसा तो सफलता के मार्ग में आने वाले छोटे-छोटे स्टेशन हैं , उन पर रुक कर अपना समय नहीं गंवाना चाहिए । जीवन में परिस्थितियां चाहे जैसी रहे , नियमित सत्कर्म करते हुए ईमानदारी से कर्तव्यपालन किया जाये तो जीवन की अधिकांश समस्याएं सरलता से सुलझ जाती हैं और इस आपाधापी के संसार में भी व्यक्ति शान्ति से जीवन जी सकता है ।
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