आज लोग धर्म के नाम पर कर्मकाण्ड तो बहुत करते हैं लेकिन ऐसे लोग इस धरती पर बहुत कम होंगे जो जो ईश्वर के अस्तित्व में विश्वास करते हों ।
संसार में शान्ति तभी होगी जब सब लोग उस अज्ञात शक्ति में विश्वास करेंगे जो इस संसार को चला रही है । इस संसार में अनेक शक्तिशाली , राजा - महाराजा और सूरमा हुए लेकिन उनके आने से पहले भी यह संसार चल रहा था और उनके जाने के बाद भी संसार उसी गति से चल रहा है `। यदि लोग इस सत्य को स्वीकार कर लें की ---- ईश्वर है , वह हर पल हमें देख रहा है , हमारे अच्छे - बुरे कर्मों का हिसाब लिख रहा है , हमारे मन के तार ईश्वर से जुड़े हैं इसलिए हमारे हर विचार की , हमारे मन में जो कुछ चल रहा है उसकी खबर भी ईश्वर को है ------ ऐसा विश्वास रखने पर व्यक्ति ईश्वर से भयभीत रहेगा , वह कभी कोई गलत कार्य नहीं करेगा । किसी का शोषण , उत्पीड़न नहीं करेगा ।
ईश्वर की अनुभूति कैसे हो ? जैसे इंटरनेट का कनेक्शन सही होने पर हम सारे संसार से जुड़ जाते हैं , एक भी तार गलत होगा , क्लिक गलत होगा तो यह जुड़ाव नहीं हो सकेगा । ठीक यही बात ईश्वर के संबंध में है --- जब हमारा मन निर्मल होगा , हम केवल एक पल के लिए संसार को भूलकर ईश्वर को याद करेंगे , उसी पल हमें ईश्वर की अनुभूति होगी और इस एक पल का कनेक्शन ही हमें आनंदित कर देगा । ईश्वर श्रेष्ठताओं का समुच्चय है इसलिए ईश्वर की अनुभूति के लिए हमें अपनी दुष्प्रवृतियों को छोड़कर सद्गुणों को अपनाना होगा ।
संसार में शान्ति तभी होगी जब सब लोग उस अज्ञात शक्ति में विश्वास करेंगे जो इस संसार को चला रही है । इस संसार में अनेक शक्तिशाली , राजा - महाराजा और सूरमा हुए लेकिन उनके आने से पहले भी यह संसार चल रहा था और उनके जाने के बाद भी संसार उसी गति से चल रहा है `। यदि लोग इस सत्य को स्वीकार कर लें की ---- ईश्वर है , वह हर पल हमें देख रहा है , हमारे अच्छे - बुरे कर्मों का हिसाब लिख रहा है , हमारे मन के तार ईश्वर से जुड़े हैं इसलिए हमारे हर विचार की , हमारे मन में जो कुछ चल रहा है उसकी खबर भी ईश्वर को है ------ ऐसा विश्वास रखने पर व्यक्ति ईश्वर से भयभीत रहेगा , वह कभी कोई गलत कार्य नहीं करेगा । किसी का शोषण , उत्पीड़न नहीं करेगा ।
ईश्वर की अनुभूति कैसे हो ? जैसे इंटरनेट का कनेक्शन सही होने पर हम सारे संसार से जुड़ जाते हैं , एक भी तार गलत होगा , क्लिक गलत होगा तो यह जुड़ाव नहीं हो सकेगा । ठीक यही बात ईश्वर के संबंध में है --- जब हमारा मन निर्मल होगा , हम केवल एक पल के लिए संसार को भूलकर ईश्वर को याद करेंगे , उसी पल हमें ईश्वर की अनुभूति होगी और इस एक पल का कनेक्शन ही हमें आनंदित कर देगा । ईश्वर श्रेष्ठताओं का समुच्चय है इसलिए ईश्वर की अनुभूति के लिए हमें अपनी दुष्प्रवृतियों को छोड़कर सद्गुणों को अपनाना होगा ।
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