धन - दौलत और पद - प्रतिष्ठा हर व्यक्ति चाहता है l महत्वाकांक्षी होना अच्छी बात है , लेकिन आज के समय में लोगों में धैर्य नहीं है , सब कुछ बिना मेहनत के और बहुत जल्दी पा लेना चाहते हैं l इसके लिए ऐसे लोगों के पास एक ही तरीका है --- जिसके माध्यम से सब कुछ अति शीघ्र हासिल हो सके , उसकी खुशामद करो l लोग इस कदर चापलूसी करते हैं जैसे वह व्यक्ति भगवान हो , जिसमे उनके भाग्य बदलने की क्षमता हो l
इस एक दोष के कारण समाज का वातावरण दूषित होता है l जिसकी चापलूसी की जाती है उसका अहंकार उसके सिर चढ़ जाता है वह सब पर अपनी हुकूमत चलाना चाहता है l
जो चापलूसी करता है वह धन - सम्पदा तो इकट्ठी कर लेता है लेकिन अपनी योग्यता नहीं बढ़ाता, उसका व्यक्तित्व खोखला हो जाता है l वह भी अपने लिए चापलूसों की भीड़ चाहता है और इसके लिए हर प्रकार के तरीके अपनाता है , इसी कारण समाज में अशांति होती है l
इस एक दोष के कारण समाज का वातावरण दूषित होता है l जिसकी चापलूसी की जाती है उसका अहंकार उसके सिर चढ़ जाता है वह सब पर अपनी हुकूमत चलाना चाहता है l
जो चापलूसी करता है वह धन - सम्पदा तो इकट्ठी कर लेता है लेकिन अपनी योग्यता नहीं बढ़ाता, उसका व्यक्तित्व खोखला हो जाता है l वह भी अपने लिए चापलूसों की भीड़ चाहता है और इसके लिए हर प्रकार के तरीके अपनाता है , इसी कारण समाज में अशांति होती है l
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