समाज में अशांति हो , लोग मर्यादाहीन आचरण कर रहे हों , असुरता बढ़ रही हो ---- और हम सोचें कि भगवान आयेंगे , फिर सब ठीक हो जायेगा --- यह असंभव है l महिलाओं पर बढ़ते अत्याचार , उन्हें अपमानित व उपेक्षित करना ---- ये सब ऐसी बातें हैं जिनका प्रभाव दीर्घकालीन होता है और ये घटनाएँ परिवार , समाज सब जगह अशांति उत्पन्न करती है l
पुरुषों ने युगों से नारी को अपनी दासी समझा है और हर तरह से अत्याचार किया है l अनेक महान पुरुषों के प्रयासों से जब महिलाएं आगे बढ़ रही हैं तो अब पुरुष वर्ग यह सहन नहीं कर पा रहा , उनकी नारी जाति के प्रति ईर्ष्या बढ़ गई है l बाहरी जीवन में पुरुष केवल उन्ही महिलाओं की उपस्थिति को स्वीकार करते हैं जो उनके भ्रष्टाचार में सहयोग दे , उनके इशारों पर काम करे महिलाओं पर अत्याचार की घटनाओं से नारी तो अपमानित , उत्पीड़ित होती है , ऐसी घटनाओं से सम्पूर्ण पुरुष जाति नारी की निगाहों में अपना सम्मान खो देती है l नारी को तो अपमान , उपेक्षा सहने की आदत बन चुकी है , लेकिन जब पुरुष वर्ग को सम्मान नहीं मिलता तो उनमे हीनता का भाव पैदा हो जाता है l
ऐसी समस्या से निपटने के लिए समाज के सम्भ्रांत पुरुषों को ही आगे आना होगा जो मर्यादाहीन आचरण करने वाले लोगों पर लगाम लगायें l श्रेष्ठ आचरण से ही समाज में सुधार संभव है , ' बाबाओं ' ने तो समाज को पतन के गर्त में धकेलने में कोई कसर नहीं छोड़ी l
पुरुषों ने युगों से नारी को अपनी दासी समझा है और हर तरह से अत्याचार किया है l अनेक महान पुरुषों के प्रयासों से जब महिलाएं आगे बढ़ रही हैं तो अब पुरुष वर्ग यह सहन नहीं कर पा रहा , उनकी नारी जाति के प्रति ईर्ष्या बढ़ गई है l बाहरी जीवन में पुरुष केवल उन्ही महिलाओं की उपस्थिति को स्वीकार करते हैं जो उनके भ्रष्टाचार में सहयोग दे , उनके इशारों पर काम करे महिलाओं पर अत्याचार की घटनाओं से नारी तो अपमानित , उत्पीड़ित होती है , ऐसी घटनाओं से सम्पूर्ण पुरुष जाति नारी की निगाहों में अपना सम्मान खो देती है l नारी को तो अपमान , उपेक्षा सहने की आदत बन चुकी है , लेकिन जब पुरुष वर्ग को सम्मान नहीं मिलता तो उनमे हीनता का भाव पैदा हो जाता है l
ऐसी समस्या से निपटने के लिए समाज के सम्भ्रांत पुरुषों को ही आगे आना होगा जो मर्यादाहीन आचरण करने वाले लोगों पर लगाम लगायें l श्रेष्ठ आचरण से ही समाज में सुधार संभव है , ' बाबाओं ' ने तो समाज को पतन के गर्त में धकेलने में कोई कसर नहीं छोड़ी l
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