हम योगी नहीं हैं, सन्त-महात्मा भी नहीं है, हम एक सांसारिक प्राणी हैं , जिसका एक पारिवारिक जीवन है, विभिन्न जिम्मेदारियां हैं । हम संसार के सब सुख भी चाहते हैं, स्वस्थ रहना भी चाहते हैं ताकि उन सुखों को भोग सकें । इसके साथ हम यह भी चाहते हैं कि हमें कोई तनाव ना हो, मन में शान्ति हो, सुख के साथ आनंद भी हो |
यह स्थिति तब संभव है जब हम जीवन को सरलता से जियें--- जो ईश्वर ने हमें दिया है, हमारे पास है उसमे खुश रहें । जो कुछ हम पाना चाहते हैं उसके लिए धैर्य के साथ सही दिशा में प्रयास करें ।
आज के समय में भ्रष्टाचार और बेईमानी इतनी बढ़ चुकी है, लोगों में लालच , छल-कपट इतना बढ़ गया है कि वे दूसरों को आगे बढ़ने नहीं देते, जो लोग सच्चाई से जीना चाहते हैं, उन्हें विभिन्न तरीके से परेशान करते हैं ।
आज संघर्ष है----- अच्छाई और बुराई का । यदि हम श्रेष्ठता की राह पर चलते हैं, जीवन की व्यस्तता के साथ सत्कर्म करते हैं तो निश्चित है कि जीत अच्छाई की होगी ।
बुराई को हराने के लिए जरुरी है कि अच्छाई संगठित हो, और हमारे पास सत्कर्मों की ताकत हो ।
आज के युग की जरुरत है---- हम कर्मयोगी बने ।
यह स्थिति तब संभव है जब हम जीवन को सरलता से जियें--- जो ईश्वर ने हमें दिया है, हमारे पास है उसमे खुश रहें । जो कुछ हम पाना चाहते हैं उसके लिए धैर्य के साथ सही दिशा में प्रयास करें ।
आज के समय में भ्रष्टाचार और बेईमानी इतनी बढ़ चुकी है, लोगों में लालच , छल-कपट इतना बढ़ गया है कि वे दूसरों को आगे बढ़ने नहीं देते, जो लोग सच्चाई से जीना चाहते हैं, उन्हें विभिन्न तरीके से परेशान करते हैं ।
आज संघर्ष है----- अच्छाई और बुराई का । यदि हम श्रेष्ठता की राह पर चलते हैं, जीवन की व्यस्तता के साथ सत्कर्म करते हैं तो निश्चित है कि जीत अच्छाई की होगी ।
बुराई को हराने के लिए जरुरी है कि अच्छाई संगठित हो, और हमारे पास सत्कर्मों की ताकत हो ।
आज के युग की जरुरत है---- हम कर्मयोगी बने ।
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