कोई छोटी से छोटी संस्था हो या बड़ी से बड़ी संस्था और संगठन हो , उनमे अनेक लोग अपने अधिकारी को खुश रखने के लिए उसकी चापलूसी करने लगते हैं , उसकी हाँ में हाँ मिलाते हैं उसे खुश रखने के लिए उसके गलत कार्यों की भी तारीफ करते हैं | गलती को न सुधारने से वह धीरे - धीरे बढ़ती जाती है , ऐसे व्यक्ति फिर अनेक क्षेत्रों में गलतियाँ करते हैं , इन गलतियों से जो व्यक्ति प्रभावित होते हैं वे अशांत और परेशान होते हैं ।
आज के समय में चापलूसों का साम्राज्य इतना बढ़ गया है कि वे अपनी संस्था या संगठन के कार्यों और निर्णय में भी दखल देते हैं । अब क्योंकि लोगों के ह्रदय में संवेदना नहीं है , अधिकांश व्यक्ति ऐसे हैं जो अपना स्वार्थ तो पूरा करना चाहते हैं लेकिन इसके साथ वो चाहते हैं कि दूसरे का नुकसान हो , दूसरा व्यक्ति चैन से न रह पाये । ऐसी मानसिकता से ही समाज में असंतोष व अशान्ति बढ़ती है ।
आज की सबसे बड़ी जरुरत है कि लोगों के ह्रदय में संवेदना हो , विचारों में शुद्धता हो ।
आज के समय में चापलूसों का साम्राज्य इतना बढ़ गया है कि वे अपनी संस्था या संगठन के कार्यों और निर्णय में भी दखल देते हैं । अब क्योंकि लोगों के ह्रदय में संवेदना नहीं है , अधिकांश व्यक्ति ऐसे हैं जो अपना स्वार्थ तो पूरा करना चाहते हैं लेकिन इसके साथ वो चाहते हैं कि दूसरे का नुकसान हो , दूसरा व्यक्ति चैन से न रह पाये । ऐसी मानसिकता से ही समाज में असंतोष व अशान्ति बढ़ती है ।
आज की सबसे बड़ी जरुरत है कि लोगों के ह्रदय में संवेदना हो , विचारों में शुद्धता हो ।
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