जो लोग अपनी इच्छा से , अपनी किसी कमजोरी के कारण या किसी मजबूरीवश गलत राह पर चल पड़े हैं , वे यदि इस सत्य को समझते हैं कि उनकी राह गलत है , उनके ह्रदय में इस बुरे मार्ग को छोड़ने की तड़प है तो वापस लौटने के उनके लिए सारे मार्ग खुले हैं । जरुरी है दृढ संकल्प की । ईश्वर से प्रार्थना करनी चाहिए कि वे सन्मार्ग पर चलने की शक्ति प्रदान करें ।
सुख शान्ति से जीना है तो अपनी दुष्प्रवृत्तियों को छोड़कर सही मार्ग पर चलना ही होगा ।
सुख शान्ति से जीना है तो अपनी दुष्प्रवृत्तियों को छोड़कर सही मार्ग पर चलना ही होगा ।
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