केवल धन , पद और भौतिक सुख सुविधाएँ होने से जीवन में सुख नहीं आता । महत्वपूर्ण बात ये है कि जिन कारणों से परिवार और समाज में अशांति और अपराध होते हैं उन्हें सख्ती से दूर किया जाये जैसे ---- नशे से अनेकों परिवार चौपट हो रहे हैं , नशा करने वाले चाहे अमीर हों या मजदूर हों या उच्च पदों पर कार्य करने वाले हों --- यदि उन्हें नशे की आदत है तो वे देश के विकास में , एक सुन्दर समाज के निर्माण में कोई योगदान नहीं दे सकते , उनके दिमाग में हरदम नशा ही घूमेगा । इस लिए नशे पर नियंत्रण जरुरी है ।
इसी तरह जो लोग अश्लील फ़िल्में देखते हैं , निम्न स्तर का साहित्य पढ़ते हैं वे भी कभी कोई सकारात्मक कार्य नहीं कर सकते , यह प्रवृति ही समाज में अपराध को जन्म देती है , चरित्र की इस कमजोरी की वजह से ही परिवारों में कलह होती है , बच्चे राह भटक जाते हैं |
स्वयं के सुधार से ही एक श्रेष्ठ समाज का निर्माण संभव है l
इसी तरह जो लोग अश्लील फ़िल्में देखते हैं , निम्न स्तर का साहित्य पढ़ते हैं वे भी कभी कोई सकारात्मक कार्य नहीं कर सकते , यह प्रवृति ही समाज में अपराध को जन्म देती है , चरित्र की इस कमजोरी की वजह से ही परिवारों में कलह होती है , बच्चे राह भटक जाते हैं |
स्वयं के सुधार से ही एक श्रेष्ठ समाज का निर्माण संभव है l
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