लालच की वजह से व्यक्ति की बुद्धि भ्रमित हो जाती है | धन , पद , कामना , वासना इन में यदि कोई नियंत्रण न हो तो व्यक्ति का लालच और असंतोष इतना बढ़ जाता है कि वह अत्याचारी हो जाता है , लोगों पर तो अत्याचार करता ही है साथ ही अपना नाश भी करता है ।
इसलिए अत्याचार , अन्याय के विरुद्ध संगठित रूप से खड़े होना अनिवार्य है अन्यथा उसका यह नशा बढ़ता जाता है और अन्य लोग भी अपने अपने क्षेत्र में शोषण व अत्याचार करने लगते हैं ।
इसलिए अत्याचार , अन्याय के विरुद्ध संगठित रूप से खड़े होना अनिवार्य है अन्यथा उसका यह नशा बढ़ता जाता है और अन्य लोग भी अपने अपने क्षेत्र में शोषण व अत्याचार करने लगते हैं ।
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