यदि हम अपने विचारों में परिवर्तन कर लें, उन्हें सकारात्मक दिशा में मोड दें तो हमारी अधिकांश समस्याएं हल हों जाएँ । जैसे पारिवारिक संबंधों में---- छोटी-छोटी बातों में मतभेद हो जाता है और बात बढ़ते-बढ़ते तलाक तक पहुँच जाती है । जब भी झगड़ा, तनाव की स्थिति हो तो कुछ देर एकांत में बैठकर साथी की अच्छाइयों के बारे मे सोचें, उसका परिवार में क्या योगदान है इस पर अच्छी तरह विचार करें, झगड़े के अलावा कभी कोई सुख का एक पल भी रहा हो उसका ध्यान करें क्योंकि जरुरी नहीं कि तलाक के बाद वह सुख आपको मिले, हो सकता है आप किसी बड़ी मुसीबत में फंस जाये, स्थिती और बुरी हो जाए ।
सकारात्मक कार्यों में व्यस्त रहने से मन प्रसन्न रहता, निस्स्वार्थ सेवा का कार्य करने से मन को सुकून मिलता है, दूसरों को खुशियाँ देने से स्वयं के जीवन में भी खुशियाँ आती हैं ।
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