समस्याओं को यदि विचारों में ही हल कर लें तो हमें तनाव न हो, मन उदास न हो जैसे मान लीजिए किसी ने आप पर, आपके व्यक्तित्व पर, वस्त्रों पर किसी भी बात पर कटु व्यंग्य किया । अब यदि इससे आप क्रोधित हो जाते हैं तो आपका नुकसान है, क्रोध में उर्जा बर्बाद होगी और दूसरे पक्ष को और हँसी उड़ाने का मौका मिलेगा ।
व्यंग्य से यदि आप दुःखी होते हैं तो भी आपका ही नुकसान है, निराशा आने से अपने सुखों का आनंद नहीं उठा पाएंगे , किसी काम में मन नहीं लगेगा ।
यह बात आप अपने मन में समझ लीजिये कि किसी भी तरीके से आप किसी के स्वभाव को बदल नहीं सकते, किसी के व्यंग्य पर कोई प्रतिक्रिया नहीं करें, अपनी उपलब्धियों, अपने सुख-सुविधाओं की ओर देखें कि ईश्वर ने कितना कुछ दिया है, ईश्वर हमसे प्रसन्न है तभी हमारे पास ये उपलब्धियां हैं, किसी के व्यंग्य करने से कुछ नहीं होता ।
ईश्वर पर दृढ विश्वास रखिये और निष्काम कर्म से ईश्वर प्रसन्न होते हैं, फिर संसार का कोई प्रहार आपका कुछ नहीं बिगाड़ पायेगा ।
व्यंग्य से यदि आप दुःखी होते हैं तो भी आपका ही नुकसान है, निराशा आने से अपने सुखों का आनंद नहीं उठा पाएंगे , किसी काम में मन नहीं लगेगा ।
यह बात आप अपने मन में समझ लीजिये कि किसी भी तरीके से आप किसी के स्वभाव को बदल नहीं सकते, किसी के व्यंग्य पर कोई प्रतिक्रिया नहीं करें, अपनी उपलब्धियों, अपने सुख-सुविधाओं की ओर देखें कि ईश्वर ने कितना कुछ दिया है, ईश्वर हमसे प्रसन्न है तभी हमारे पास ये उपलब्धियां हैं, किसी के व्यंग्य करने से कुछ नहीं होता ।
ईश्वर पर दृढ विश्वास रखिये और निष्काम कर्म से ईश्वर प्रसन्न होते हैं, फिर संसार का कोई प्रहार आपका कुछ नहीं बिगाड़ पायेगा ।
No comments:
Post a Comment