फुर्सत के क्षणों में ही मन इधर से उधर भागता है और अशांत होता है । हमारा अधिकांश समय दूसरों पर ध्यान देने में चला जाता है, अन्य लोग क्या कर रहें हैं, हमारे बारे में क्या सोचते हैं, इसी सब में हम परेशान रहते हैं । घर में या ऑफिस में जब भी फुर्सत हुए परचर्चा में ही सारा समय बीत जाता है, इसमें अपनी ऊर्जा भी बर्बाद होती है और सबकी बातें सुन-सुनकर मन अशांत हो जाता है |
हमारा जीवन अनमोल है और हमारे पास गिनती की साँसे हैं, इसलिए हम अपना ध्यान अपने व्यक्तित्व के विकास पर केन्द्रित करें । सकारात्मक कार्यों कों करने से ऊर्जा मिलती है, मन में उमंग पैदा होती है, नीरसता दूर होती है ।
जब हम व्यस्त रहेंगे तो फालतू बातें करने का, सुनने का हमारे पास समय ही नही होगा, इससे मन शांत रहेगा, हमारे मन में शांति होगी तो परिवर में भी शांति होगी ।
अवकाश के दिन कों दोस्तों के साथ गपशप करने में व्यतीत न कर किन्ही सकारात्मक कार्यों में व्यस्त रहेंगे तो उससे आपको उर्जा मिलेगी ।
हमारा जीवन अनमोल है और हमारे पास गिनती की साँसे हैं, इसलिए हम अपना ध्यान अपने व्यक्तित्व के विकास पर केन्द्रित करें । सकारात्मक कार्यों कों करने से ऊर्जा मिलती है, मन में उमंग पैदा होती है, नीरसता दूर होती है ।
जब हम व्यस्त रहेंगे तो फालतू बातें करने का, सुनने का हमारे पास समय ही नही होगा, इससे मन शांत रहेगा, हमारे मन में शांति होगी तो परिवर में भी शांति होगी ।
अवकाश के दिन कों दोस्तों के साथ गपशप करने में व्यतीत न कर किन्ही सकारात्मक कार्यों में व्यस्त रहेंगे तो उससे आपको उर्जा मिलेगी ।
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