आज के इस वैज्ञानिक युग में जब व्यक्ति को सभी सुख-सुविधाएँ हैं, समझ भी है कि क्रोध नहीं करना चाहिए लेकिन फिर भी क्रोध आ जाता है । क्रोध की स्थिति में कम से कम दो व्यक्ति होते हैं--- एक क्रोध करता है और दूसरे पर क्रोध किया जाता है ।
अब यदि क्रोधित व्यक्ति के साथ हमें व्यवहार करना आ जाये तो व्यर्थ का वाद-विवाद और झगड़ा नहीं बढ़े ।
ऐसी स्थिति उत्पन्न होने पर सबसे जरुरी है कि हम चुप रहें, हर बात का उत्तर देकर बहस को बढ़ाएं नहीं । यदि घर-परिवार में किसी व्यक्ति को बहुत क्रोध आता है तो पारिवारिक सुख-शांति के लिए उन कारणों को दूर करें जिन पर किसी को क्रोध आता है । परिवार मे किसी के क्रोध का सामना करना पड़े , तो हम तनाव में न आयें, हमारे स्वास्थ्य पर बुरा असर न पड़े इसके लिये जरुरी है कि हम उसकी अच्छाइयों के बारे में सोचें कि वह व्यक्ति परिवार के लिये कितना कुछ करता है , यदि कभी क्रोध किया तो उससे दुःखी न हों, कोई भी पूर्ण नहीं है, कमियाँ सब में हैं
यदि घर से बाहर ट्रेन में, ऑफिस में, बाजार में कभी ऐसे क्रोध का सामना करना पड़े तो भूलकर भी विवाद न करें, वरना बिना पैसे का तमाशा देखने वाले बहुत लोग इकट्ठे हो जायेंगे, कोई आपके बारे में कुछ भी कहे, आपका जवाब यही हो कि हमें बहस करके अपनी ऊर्जा बर्बाद नहीं करनी और यह सोचकर अपने मन को समझा लें कि वह क्रोध करने वाला व्यक्ति शायद कुंठित होगा, दिमागी तौर से परेशान होगा ।
यह जीवन अनमोल है, व्यर्थ के विवादों में न उलझकर हम अपनी ऊर्जा सकारात्मक कार्यों में लगाएँ तभी स्वस्थ एवं सुखी जीवन संभव है ।
अब यदि क्रोधित व्यक्ति के साथ हमें व्यवहार करना आ जाये तो व्यर्थ का वाद-विवाद और झगड़ा नहीं बढ़े ।
ऐसी स्थिति उत्पन्न होने पर सबसे जरुरी है कि हम चुप रहें, हर बात का उत्तर देकर बहस को बढ़ाएं नहीं । यदि घर-परिवार में किसी व्यक्ति को बहुत क्रोध आता है तो पारिवारिक सुख-शांति के लिए उन कारणों को दूर करें जिन पर किसी को क्रोध आता है । परिवार मे किसी के क्रोध का सामना करना पड़े , तो हम तनाव में न आयें, हमारे स्वास्थ्य पर बुरा असर न पड़े इसके लिये जरुरी है कि हम उसकी अच्छाइयों के बारे में सोचें कि वह व्यक्ति परिवार के लिये कितना कुछ करता है , यदि कभी क्रोध किया तो उससे दुःखी न हों, कोई भी पूर्ण नहीं है, कमियाँ सब में हैं
यदि घर से बाहर ट्रेन में, ऑफिस में, बाजार में कभी ऐसे क्रोध का सामना करना पड़े तो भूलकर भी विवाद न करें, वरना बिना पैसे का तमाशा देखने वाले बहुत लोग इकट्ठे हो जायेंगे, कोई आपके बारे में कुछ भी कहे, आपका जवाब यही हो कि हमें बहस करके अपनी ऊर्जा बर्बाद नहीं करनी और यह सोचकर अपने मन को समझा लें कि वह क्रोध करने वाला व्यक्ति शायद कुंठित होगा, दिमागी तौर से परेशान होगा ।
यह जीवन अनमोल है, व्यर्थ के विवादों में न उलझकर हम अपनी ऊर्जा सकारात्मक कार्यों में लगाएँ तभी स्वस्थ एवं सुखी जीवन संभव है ।
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