प्रार्थना करने से मन हल्का होता है, अत: प्रार्थना अवश्य करें । परमेश्वर की स्तुति करने के साथ अपने सुख-दुःख, अपनी समस्याएं, अपनी उपलब्धियाँ ईश्वर को अवश्य बताएँ ।
प्रार्थना , बैंक के चैक की तरह हैं , जैसे हमारे खाते में पैसा होने पर ही चैक उपयोगी है ' अन्यथा वह कोरा कागज ही है । इसी तरह यदि हमारे पास सत्कर्मों की पूंजी है , चाहे वह इस जन्म के हों या पिछले जन्मों के तभी प्रार्थना सुनी जायेगी । हमारे सत्कर्म में ही ताकत होती है जिससे हमें दैवी सहायता मिल पाती है । इसलिए हम इस बात के लिए भी ईश्वर से प्रार्थना करें कि ईश्वर हमें सद्बुद्धि दे, हमारे जीवन में सत्कर्मों की निरंतरता बनी रहे, हम सत्कर्म करने का कोई भी मौका चूकने न पाएं ।
इसका सबसे सरल तरीका यह है कि हम अपने जीवन के प्रत्येक कर्म को प्रार्थना बना लें, प्रत्येक कार्य को ईश्वर का दिया हुआ मानकर पूरी ईमानदारी के साथ करें, इससे हमारा संपूर्ण जीवन ही प्रार्थना बन जायेगा ।
प्रार्थना , बैंक के चैक की तरह हैं , जैसे हमारे खाते में पैसा होने पर ही चैक उपयोगी है ' अन्यथा वह कोरा कागज ही है । इसी तरह यदि हमारे पास सत्कर्मों की पूंजी है , चाहे वह इस जन्म के हों या पिछले जन्मों के तभी प्रार्थना सुनी जायेगी । हमारे सत्कर्म में ही ताकत होती है जिससे हमें दैवी सहायता मिल पाती है । इसलिए हम इस बात के लिए भी ईश्वर से प्रार्थना करें कि ईश्वर हमें सद्बुद्धि दे, हमारे जीवन में सत्कर्मों की निरंतरता बनी रहे, हम सत्कर्म करने का कोई भी मौका चूकने न पाएं ।
इसका सबसे सरल तरीका यह है कि हम अपने जीवन के प्रत्येक कर्म को प्रार्थना बना लें, प्रत्येक कार्य को ईश्वर का दिया हुआ मानकर पूरी ईमानदारी के साथ करें, इससे हमारा संपूर्ण जीवन ही प्रार्थना बन जायेगा ।
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