जीवन है तो समस्याएँ हैं । आज के समय में जब संवेदना समाप्त हो गईं हैं तो समस्याओं का रूप भयावह हो जाता है । कुछ समय पहले देश में दो-चार ठग हुआ करते थे लेकिन अब तो ठग-विद्दा ने व्यवसाय का रूप ले लिया है, विभिन्न तरीकों से लोगों को बेवकूफ बनाना, पैसा ऐंठना एक व्यवसाय बन गया है । ऐसी ठगी का शिकार होने वालों में छात्र-छात्राओं की संख्या सबसे अधिक होती है, तकनीकी प्रशिक्षण और रोजगार देने का लालच देकर अनेक संस्थाएँ इन छात्रों से बड़ी-बड़ी फीस वसूल करती हैं, फीस लेने के बाद प्रशिक्षण के नाम पर ' तुम बेवकूफ बने अब औरों को बेवकूफ बनाने में मदद करो ।
यदि आप ऐसी ठगी के शिकार हुए हैं तो हिम्मत से काम लीजिए, माना आपके माता-पिता गरीब हैं, ब्याज पर धन उधार लेकर फीस दी थी, तो भी अब आंसू बहाने में अपनी ऊर्जा व समय नष्ट नहीं कीजिए और किसी की शिकायत करने में भी अपना समय व धन बर्बाद न करें ।
यदि आप बहुत रोते व दुःख मनाते हैं तो स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ेगा, और बुराई व दुष्टता इतनी मजबूती से संगठित है कि शिकायत कर आप उनके चक्रव्यूह को नहीं तोड़ सकते ।
ईश्वर पर विश्वास रखिये, आपको जागरुक करने के लिये ही प्रकृति ने यह घटना रची ताकि भविष्य में आप किसी बड़े झाँसे के शिकार न हों ।
इस तरह की घटनाएँ होने के बाद घर-परिवार, मित्रों में बार-बार इसकी चर्चा कर अपने जख्म को ताजा न करें, इससे सिरदर्द और तनाव की समस्या उत्पन्न होगी, इस बात को भूलने के लिए स्वयं को किसी सकारात्मक कार्य में वयस्त रखें । कुछ काम छोटे होते हैं लेकिन यदि आप उन्हें अपनी हॉबी बनाकर सीख लें तो कठिन वक्त में उनसे आय भी प्राप्त हो सकती है जैसे साइकिल, स्कूटर, कार से लेकर नल, बिजली, पंखा आदि विभिन्न मशीने ठीक करना, हस्तकला की विभिन्न वस्तुएं बनाना । ऐसे सकारात्मक कार्यों से मन प्रसन्न होता है । जीवन में पग-पग पर समस्याएँ हैं, लेकिन यदि हम नेक रास्ते पर चलते हैं, हमारी भावना सच्ची है तो विभिन्न समस्याओं से उबारने में प्रकृति हमारी मदद करती है ।
यदि आप ऐसी ठगी के शिकार हुए हैं तो हिम्मत से काम लीजिए, माना आपके माता-पिता गरीब हैं, ब्याज पर धन उधार लेकर फीस दी थी, तो भी अब आंसू बहाने में अपनी ऊर्जा व समय नष्ट नहीं कीजिए और किसी की शिकायत करने में भी अपना समय व धन बर्बाद न करें ।
यदि आप बहुत रोते व दुःख मनाते हैं तो स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ेगा, और बुराई व दुष्टता इतनी मजबूती से संगठित है कि शिकायत कर आप उनके चक्रव्यूह को नहीं तोड़ सकते ।
ईश्वर पर विश्वास रखिये, आपको जागरुक करने के लिये ही प्रकृति ने यह घटना रची ताकि भविष्य में आप किसी बड़े झाँसे के शिकार न हों ।
इस तरह की घटनाएँ होने के बाद घर-परिवार, मित्रों में बार-बार इसकी चर्चा कर अपने जख्म को ताजा न करें, इससे सिरदर्द और तनाव की समस्या उत्पन्न होगी, इस बात को भूलने के लिए स्वयं को किसी सकारात्मक कार्य में वयस्त रखें । कुछ काम छोटे होते हैं लेकिन यदि आप उन्हें अपनी हॉबी बनाकर सीख लें तो कठिन वक्त में उनसे आय भी प्राप्त हो सकती है जैसे साइकिल, स्कूटर, कार से लेकर नल, बिजली, पंखा आदि विभिन्न मशीने ठीक करना, हस्तकला की विभिन्न वस्तुएं बनाना । ऐसे सकारात्मक कार्यों से मन प्रसन्न होता है । जीवन में पग-पग पर समस्याएँ हैं, लेकिन यदि हम नेक रास्ते पर चलते हैं, हमारी भावना सच्ची है तो विभिन्न समस्याओं से उबारने में प्रकृति हमारी मदद करती है ।
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