आज के युग में चिकित्सा के क्षेत्र में कितनी उन्नति हुई है, लेकिन बीमारियाँ भी उतनी ही तेजी से बढ़ रहीं हैं । जो अमीर है, साफ-सफाई से रहता है, जिनका पौष्टिक आहार है, योग-आसन भी करते हैं फिर भी उन संपन्न लोगों के घर बीमारियाँ क्यों ?
इसका कारण है कि --- धनवान होने पर लोग समझते हैं कि अब उन्हें अपने हाथ से खाना नहीं बनाना है । घर में बहुत पैसा है तो या होटल में खाओ या फिर घर में भोजन बनाने के लिए नौकर रखो । अब नौकर को आपके स्वास्थ्य से कोई मतलब नहीं है वे तो उसी हाथ से पसीना पोंछते हैं, उसी हाथ से नाक पोंछ लेते हैं, और उसी हाथ से खाना बना देते हैं, खाना बनाने के समय खुजली, छींक, भी हो सकती है । अब ऐसा खाना आप अपने हाथ धोकर भी प्रतिदिन खायेंगे तो क्या स्वस्थ रहेंगे ? सबसे बड़ी बात ये ही कि खाना बनाने के पूरे समय में खाना बनाने वाले के मन में जो विचार चल रहे हैं उसका पूरा असर उस भोजन में आ जाता है
जिस भोजन के लिए आप दिन-रात मेहनत करते हैं, वही भोजन आपको शुद्ध हाथों से और शुद्ध विचारों में बना हुआ नहीं मिला तो ऐसे धन का क्या लाभ ?
आधुनिकता का अर्थ कर्तव्य से भागना नहीं है, अन्य कार्यों के लिए नौकर रखकर भोजन यदि अपने हाथों से बनाया जाये तो इससे महिलाओं की सबसे अच्छी कसरत होती है, मोटापा नहीं चढ़ता । यदि जॉब करती हैं-- तो दौड़-भाग कर जल्दी काम करने से रुधिर-सन्चार अच्छा होगा, यदि यह काम आप खुशी से करती हैं तो चेहरे पर थकान नहीं होगी बल्कि संतोष की चमक होंगी
सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि यदि आप खाना बनाते समय गायत्री मंत्र का जप एक या दो बार ही कर लेंगी तो वह भोजन भगवान का प्रसाद हो जायेगा, उसका स्वाद अनोखा होगा, ऐसा भोजन करके कोई बीमार नहीं होगा, और मन भी शांत रहेगा ।
इसका कारण है कि --- धनवान होने पर लोग समझते हैं कि अब उन्हें अपने हाथ से खाना नहीं बनाना है । घर में बहुत पैसा है तो या होटल में खाओ या फिर घर में भोजन बनाने के लिए नौकर रखो । अब नौकर को आपके स्वास्थ्य से कोई मतलब नहीं है वे तो उसी हाथ से पसीना पोंछते हैं, उसी हाथ से नाक पोंछ लेते हैं, और उसी हाथ से खाना बना देते हैं, खाना बनाने के समय खुजली, छींक, भी हो सकती है । अब ऐसा खाना आप अपने हाथ धोकर भी प्रतिदिन खायेंगे तो क्या स्वस्थ रहेंगे ? सबसे बड़ी बात ये ही कि खाना बनाने के पूरे समय में खाना बनाने वाले के मन में जो विचार चल रहे हैं उसका पूरा असर उस भोजन में आ जाता है
जिस भोजन के लिए आप दिन-रात मेहनत करते हैं, वही भोजन आपको शुद्ध हाथों से और शुद्ध विचारों में बना हुआ नहीं मिला तो ऐसे धन का क्या लाभ ?
आधुनिकता का अर्थ कर्तव्य से भागना नहीं है, अन्य कार्यों के लिए नौकर रखकर भोजन यदि अपने हाथों से बनाया जाये तो इससे महिलाओं की सबसे अच्छी कसरत होती है, मोटापा नहीं चढ़ता । यदि जॉब करती हैं-- तो दौड़-भाग कर जल्दी काम करने से रुधिर-सन्चार अच्छा होगा, यदि यह काम आप खुशी से करती हैं तो चेहरे पर थकान नहीं होगी बल्कि संतोष की चमक होंगी
सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि यदि आप खाना बनाते समय गायत्री मंत्र का जप एक या दो बार ही कर लेंगी तो वह भोजन भगवान का प्रसाद हो जायेगा, उसका स्वाद अनोखा होगा, ऐसा भोजन करके कोई बीमार नहीं होगा, और मन भी शांत रहेगा ।
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