हमारी निराशा का मुख्य कारण यही है कि हमें ईश्वर की सत्ता मे विश्वास नहीं है । यदि हमे ईश्वर में विश्वास हो तो कोंई हमारी उपेक्षा करे, कोई हमें धोखा दे, हमें धमकाए, नीचा दिखाये, धन-सम्पति का नुकसान हो जाये------ कोई भी विपदा आ जाये हम विचलित नहीं होंगे, निराश नहीं होंगे और जीवन से भागेंगे नहीं ।
हमारा ईश्वर विश्वास का आधार मजबूत होना चाहिए | इस सत्य को सबको स्वीकार करना होगा कि केवल प्रार्थना करने से, घंटी बजाने से, फूल-मालाएं चढ़ाने से, भोग लगाने से ईश्वर प्रसन्न नहीं होते , अपनी-अपनी आस्था के अनुसार आप कोई भी कर्मकांड कीजिये लेकिन यदि आप सही अर्थों में जीवन में सुख-शांति चाहते हैं तो इन कर्मकांडो के साथ -----1. आपको निस्स्वार्थ भाव से कोई भी सेवा का, परोपकार का कार्य नियमित रुप से करना होगा ।,
2. आप जिस भी क्षेत्र में, व्यवसाय में हैं अपना कर्त्वय पालन अवश्य करें, कर्तव्य पालन करना भी पूजा ही है ।
ये दोनों कार्य जितनी तत्परता से , सजगता से आप करेंगे, निराशा आपसे दूर, बहुत दूर चली जायेगी, आप में आत्मविश्वास पैदा हो जाएगा, समस्याओं से जूझने की एक अनोखी शक्ति आप में आ जायेगी ।
हमारा ईश्वर विश्वास का आधार मजबूत होना चाहिए | इस सत्य को सबको स्वीकार करना होगा कि केवल प्रार्थना करने से, घंटी बजाने से, फूल-मालाएं चढ़ाने से, भोग लगाने से ईश्वर प्रसन्न नहीं होते , अपनी-अपनी आस्था के अनुसार आप कोई भी कर्मकांड कीजिये लेकिन यदि आप सही अर्थों में जीवन में सुख-शांति चाहते हैं तो इन कर्मकांडो के साथ -----1. आपको निस्स्वार्थ भाव से कोई भी सेवा का, परोपकार का कार्य नियमित रुप से करना होगा ।,
2. आप जिस भी क्षेत्र में, व्यवसाय में हैं अपना कर्त्वय पालन अवश्य करें, कर्तव्य पालन करना भी पूजा ही है ।
ये दोनों कार्य जितनी तत्परता से , सजगता से आप करेंगे, निराशा आपसे दूर, बहुत दूर चली जायेगी, आप में आत्मविश्वास पैदा हो जाएगा, समस्याओं से जूझने की एक अनोखी शक्ति आप में आ जायेगी ।
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