कभी-कभी जीवन में बहुत निराशा आ जाती हैं, इसे दूर करने के लिए सर्वप्रथम स्वयं की ओर देखें कि ईश्वर ने कितना सब दिया है । स्वस्थ शरीर है, विभिन्न सुख-सुविधाएँ हैं तो हम उनमे खुश रहें, हमेशा अभावों का रोना न रोयें | आपके पास जो कुछ भी है उसके लिए ईश्वर को धन्यवाद दें | यदि आप अपनी हर वस्तु के लिए, हर उपलब्धि के लिए ईश्वर की कृपा अनुभव करेंगे तो आपको बहुत आनंद मिलेगा | इससे अहंकार भी नहीं होगा और यह सोच कर मन प्रसन्न होगा कि कभी कुछ अच्छे कर्म किये होंगे इसी लिए दैवी शक्ति प्रसन्न है जो इतना सब दिया |
यदि कोई एक अभाव है, जीवन में कुछ कमियां हैं तो उनसे निराश होने की जरुरत नहीं, यदि निस्स्वार्थ भाव से कोई भी परोपकार का कार्य किया जाये तो ये कमी भी दूर हो जायेगी |
यदि कोई एक अभाव है, जीवन में कुछ कमियां हैं तो उनसे निराश होने की जरुरत नहीं, यदि निस्स्वार्थ भाव से कोई भी परोपकार का कार्य किया जाये तो ये कमी भी दूर हो जायेगी |
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