हमारे पास अपना यही एक जीवन है, अब इसे हम रोते-कलपते, निराशा में गँवा दें या सफलताओं भरा जीवन हँसी-खुशी से शांतिपूर्ण ढंग से बितायें ? यह चुनाव हमें ही करना है ।
आज के समय में लोगों का कार्यक्षेत्र बहुत व्यापक हो गया है, भाग-दौड़ की जिन्दगी है, समय-समय पर जीवन में निर्णय लेने पड़ते हैं, एक निर्णय भी गलत हो गया तो उससे न केवल स्वयं का जीवन बल्कि पूरा परिवार प्रभावित होता है । हमारे निर्णय सही हों इसके लिए विवेक की, सद्बुद्धि की आवश्यकता है , यह विवेक, सद्बुद्धि, प्रज्ञा -- सद्बुद्धि का मंत्र-- ' गायत्री मंत्र ' से ही जाग्रत होती है, इसके अतिरिक्त अन्य कोई तरीका इस संसार में नही है ।
यदि आप किसी अन्य धर्म, संप्रदाय के हैं तो पूर्ण श्रद्धा-विश्वास से, अपनी आस्था, अपने तरीके से अपने गुरु, अपने ईश्वर की आराधना कीजिये , इसके साथ यदि आप गायत्री मंत्र भी जप लेंगे तो आपकी पूजा, प्रार्थना और जल्दी सफल होगी क्योंकि गायत्री मन्त्र से प्रकृति को पोषण मिलता है, प्रकृति में सकारात्मक तत्व बढ़ते हैं, इससे प्रकृति प्रसन्न होती है । यह सूर्य भगवान की उपासना का मंत्र है, जिनके बिना जीवन संभव नहीं है ।
सबसे सरल बात यह है कि आप गायत्री मंत्र का मानसिक जप भी कर सकते हैं , इसका लाभ कई गुना अधिक होगा । इसके साथ नि:स्वार्थ सेवा, परोपकार का कोई कार्य करना न भूलें ।
यदि व्यक्ति के पास अपार धन-संपदा है लेकिन सद्बुद्धि नहीं है तो वह इसे नशे में, गलत आदतों में गँवा देगा । यदि व्यक्ति के पास कम धन है, वेतन कम है लेकिन उसके पास सद्बुद्धि है तो वह किफायत से, प्राथमिकताओं के अनुसार बजट बनाकर धन खर्च करेगा और कम आय में भी सुख-शांति से जीवन व्यतीत करेगा ।
आज के समय में लोगों का कार्यक्षेत्र बहुत व्यापक हो गया है, भाग-दौड़ की जिन्दगी है, समय-समय पर जीवन में निर्णय लेने पड़ते हैं, एक निर्णय भी गलत हो गया तो उससे न केवल स्वयं का जीवन बल्कि पूरा परिवार प्रभावित होता है । हमारे निर्णय सही हों इसके लिए विवेक की, सद्बुद्धि की आवश्यकता है , यह विवेक, सद्बुद्धि, प्रज्ञा -- सद्बुद्धि का मंत्र-- ' गायत्री मंत्र ' से ही जाग्रत होती है, इसके अतिरिक्त अन्य कोई तरीका इस संसार में नही है ।
यदि आप किसी अन्य धर्म, संप्रदाय के हैं तो पूर्ण श्रद्धा-विश्वास से, अपनी आस्था, अपने तरीके से अपने गुरु, अपने ईश्वर की आराधना कीजिये , इसके साथ यदि आप गायत्री मंत्र भी जप लेंगे तो आपकी पूजा, प्रार्थना और जल्दी सफल होगी क्योंकि गायत्री मन्त्र से प्रकृति को पोषण मिलता है, प्रकृति में सकारात्मक तत्व बढ़ते हैं, इससे प्रकृति प्रसन्न होती है । यह सूर्य भगवान की उपासना का मंत्र है, जिनके बिना जीवन संभव नहीं है ।
सबसे सरल बात यह है कि आप गायत्री मंत्र का मानसिक जप भी कर सकते हैं , इसका लाभ कई गुना अधिक होगा । इसके साथ नि:स्वार्थ सेवा, परोपकार का कोई कार्य करना न भूलें ।
यदि व्यक्ति के पास अपार धन-संपदा है लेकिन सद्बुद्धि नहीं है तो वह इसे नशे में, गलत आदतों में गँवा देगा । यदि व्यक्ति के पास कम धन है, वेतन कम है लेकिन उसके पास सद्बुद्धि है तो वह किफायत से, प्राथमिकताओं के अनुसार बजट बनाकर धन खर्च करेगा और कम आय में भी सुख-शांति से जीवन व्यतीत करेगा ।
very true
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