आज के समय की सबसे बड़ी समस्या है कि व्यक्ति के लिए अपना स्वार्थ सर्वोपरि हो गया है, परस्पर संवेदना समाप्त हो गई है । सच्ची सहानुभूति, हमदर्दी कहीं नहीं है ।
यह चिन्तन करने का प्रश्न है कि आज के समय में इतनी आपदाएं, दुर्घटना, अकाल मृत्यु, लाइलाज बीमारियाँ क्यों है ? इन सबके लिए आय की विषमता और वर्ग-भेद जिम्मेदार नहीं है ।
जब व्यक्ति स्वयं क्रूर हो जाता है, निर्दयी हो जाता है, अपने सुख और स्वाद के लिए किसी की जान ले सकता है तो इस प्रकार की आपदायों, दुर्घटनाओं में वृद्धि हो जाती है ।
प्रश्न ये ही कि व्यक्ति इतना निर्दयी क्यों होता जा रहा है ? क्रूरता, पाशविक प्रवृतियां इसी तरह बढ़ती रही तो वो दिन दूर नहीं कि जिस तरह व्यक्ति शेर, चीते से डरता है, उसी तरह मनुष्य
मनुष्य से डरने लगेगा ।
मांसाहार करने से और लाभ कमाने के लिए गाय-बैल को मारकर उनके सींग, खाल, खुर आदि का व्यापार करने से ही व्यक्ति इतना निर्दयी हो गया है, उसके ह्रदय की संवेदना समाप्त हों गई है----- अब वह बड़ी खुशी से गर्भ मे बालिका की भ्रूण-हत्या कर देता है, वृद्ध माता-पिता से कोई सहानुभूति नहीं रही है -----
स्वाद के लिए संसार मे अनेकों स्वादिष्ट व्यंजन हैं और धन कमाने के लिये अनेक सम्मानजनक व्यवसाय हैं । विचारों में परिवर्तन की जरुरत है । संवेदना कैसे उपजे ?
जिस बेरहमी से जानवरों को मारा जाता है, उस एक प्रहार की कल्पना कभी अपने ऊपर करके देखें, |
ऐसे निर्दयतापूर्ण कार्य की वजह से ही सामूहिक दंड के रूप में विपदाएं आती है ।
हम प्रकृति के सन्देश को समझे और सच्चे इनसान बने ।
यह चिन्तन करने का प्रश्न है कि आज के समय में इतनी आपदाएं, दुर्घटना, अकाल मृत्यु, लाइलाज बीमारियाँ क्यों है ? इन सबके लिए आय की विषमता और वर्ग-भेद जिम्मेदार नहीं है ।
जब व्यक्ति स्वयं क्रूर हो जाता है, निर्दयी हो जाता है, अपने सुख और स्वाद के लिए किसी की जान ले सकता है तो इस प्रकार की आपदायों, दुर्घटनाओं में वृद्धि हो जाती है ।
प्रश्न ये ही कि व्यक्ति इतना निर्दयी क्यों होता जा रहा है ? क्रूरता, पाशविक प्रवृतियां इसी तरह बढ़ती रही तो वो दिन दूर नहीं कि जिस तरह व्यक्ति शेर, चीते से डरता है, उसी तरह मनुष्य
मनुष्य से डरने लगेगा ।
मांसाहार करने से और लाभ कमाने के लिए गाय-बैल को मारकर उनके सींग, खाल, खुर आदि का व्यापार करने से ही व्यक्ति इतना निर्दयी हो गया है, उसके ह्रदय की संवेदना समाप्त हों गई है----- अब वह बड़ी खुशी से गर्भ मे बालिका की भ्रूण-हत्या कर देता है, वृद्ध माता-पिता से कोई सहानुभूति नहीं रही है -----
स्वाद के लिए संसार मे अनेकों स्वादिष्ट व्यंजन हैं और धन कमाने के लिये अनेक सम्मानजनक व्यवसाय हैं । विचारों में परिवर्तन की जरुरत है । संवेदना कैसे उपजे ?
जिस बेरहमी से जानवरों को मारा जाता है, उस एक प्रहार की कल्पना कभी अपने ऊपर करके देखें, |
ऐसे निर्दयतापूर्ण कार्य की वजह से ही सामूहिक दंड के रूप में विपदाएं आती है ।
हम प्रकृति के सन्देश को समझे और सच्चे इनसान बने ।
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