जब तक व्यक्ति अपने विभिन्न कार्यों के लिए दूसरों पर निर्भर रहता है, दूसरों से उम्मीद रखता है, उसे शान्ति नहीं मिलती लेकिन जैसे ही व्यक्ति दूसरों से उम्मीद करना छोड़ देता है, ईश्वर के सहारे रहता है, उसे अनोखी शान्ति प्राप्त हो जाती है ।
ईश्वर विश्वास का अर्थ कर्म हीनता नहीं है | ईश्वर विश्वास का अर्थ है----- जो कुछ हमारे पास है उसमे संतुष्ट रहें और अपने पास उपलब्ध साधनों का सदुपयोग करते हुए सही रास्ते से आगे बढ़ने का निरन्तर प्रयास करें । सुख-दुःख, हानि-लाभ, मान-अपमान में विचलित न हों । जब तक जीवन है ये उतार-चढ़ाव जीवन में आते रहेंगे, इनसे परेशान न हों, अपना कर्तव्य पालन करें ।
जब हम स्वयं को ईश्वर विश्वासी कहते हैं तो इस सत्य को स्वीकार करें कि ईश्वर हर पल हमें देख रहें हैं, न सिर्फ हम पर अपितु हमारे प्रत्येक मनोभावों पर उनकी नजर है, इसलिए सन्मार्ग पर चलें, अपनी गलतियों को सुधारने का निरंतर प्रयास करें |
यदि आप चाहते हैं कि कष्ट का समय सहजता से बीत जाये तो सत्कर्म अवश्य करें |
यदि आप चाहते हैं कि कष्ट का समय सहजता से बीत जाये तो सत्कर्म अवश्य करें |
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