परिस्थितियों को दोष देने से कभी कोई समस्या हल नहीं होती । आज के इस आपाधापी के युग में यदि आप शान्ति से जीना चाहते हैं तो एक ही रास्ता है ------ अपने दैनिक जीवन के विभिन्न कार्यों में एक कार्य ---' सत्कर्म ' को सम्मिलित कीजिये, सत्कर्म करने कों अपनी आदत में सम्मिलित करें, उसे बोझ समझ कर नहीं करें । परिवार के बच्चों की भी बचपन से पक्षियों को दाना-पानी देने की आदत डालें ।
देखने में ये कार्य छोटे होते है किन्तु इनका प्रभाव सकारात्मक होता है--- जीवन में आने वाली बाधाओं, दुर्घटनाओं से हमारी रक्षा होती है, जीवन में सफलता मिलती है । निस्वार्थ भाव से सत्कर्म करने से जीवन ऊँचाइयों की ओर बढ़ने लगता है ।
देखने में ये कार्य छोटे होते है किन्तु इनका प्रभाव सकारात्मक होता है--- जीवन में आने वाली बाधाओं, दुर्घटनाओं से हमारी रक्षा होती है, जीवन में सफलता मिलती है । निस्वार्थ भाव से सत्कर्म करने से जीवन ऊँचाइयों की ओर बढ़ने लगता है ।
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