धन के दान का अपना महत्व है, लेकिन आज जब भ्रष्टाचार अपनी चरम सीमा पर है तब धन-राशि के दान से हम कोई पुण्य की, अपने जीवन में शान्ति की उम्मीद नहीं कर सकते ।
यदि आप किसी लोक-कल्याण के कार्य मे निष्काम भाव से अपना समय व श्रम व्यय करते हैं तब ईश्वरीय कृपा को आप अपने जीवन में हर पल महसूस करेंगे ।
कभी-कभी ऐसा होता है कि हम दान-पुण्य करना तो चाहते हैं लेकिन समझ में नहीं आता कि कहां और कैसे दान करें कि वह दान सार्थक हो जाये । ऐसे में हम उस अज्ञात शक्ति से प्रार्थना करें कि वे हमारा मार्गदर्शन करे, हमें पुण्य कार्य करने का सौभाग्य प्रदान करें । पुण्य कार्य भी व्यक्ति ईश्वर की कृपा से ही कर पाता है, हमारे ह्रदय में सत्कर्म करने की तीव्र इच्छा होनी
चाहिए ।
यदि आप किसी लोक-कल्याण के कार्य मे निष्काम भाव से अपना समय व श्रम व्यय करते हैं तब ईश्वरीय कृपा को आप अपने जीवन में हर पल महसूस करेंगे ।
कभी-कभी ऐसा होता है कि हम दान-पुण्य करना तो चाहते हैं लेकिन समझ में नहीं आता कि कहां और कैसे दान करें कि वह दान सार्थक हो जाये । ऐसे में हम उस अज्ञात शक्ति से प्रार्थना करें कि वे हमारा मार्गदर्शन करे, हमें पुण्य कार्य करने का सौभाग्य प्रदान करें । पुण्य कार्य भी व्यक्ति ईश्वर की कृपा से ही कर पाता है, हमारे ह्रदय में सत्कर्म करने की तीव्र इच्छा होनी
चाहिए ।
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