धन जीवन के लिए बहुत जरुरी है । संसार में जितने भी सुख - भोग हैं वो हम धन से ही प्राप्त कर सकते हैं । ईश्वर ने यह संसार बनाया भी इसी लिए है कि हम विभिन्न सुख - सुविधाओं का उपभोग कर प्रसन्न रहें , आनंद से रहें , संसार छोड़कर भागे नहीं ।
लेकिन विडम्बना ये है कि सारी सुख - वैभव भोग कर भी लोगों को शान्ति नहीं है , जीवन में आनन्द नहीं है ।
जीवन में आनंद पाने का , सुकून से जीने का एक ही रास्ता है ---- हम धन कमायें , ठाठ - बाट से रहें , इसके साथ अपनी आय का छोटा सा भाग किसी और को , जरूरतमंद को सुख देने में खर्च करें । अपना भोजन करने के बाद , थोड़ा दाना - पानी पशु - पक्षियों को दें । कोई भी नेक कार्य नियमित करें । और अपनी आय , जीवन - स्तर में वृद्धि के साथ परोपकार की मात्रा भी बढ़ाएं ।
आनन्द पाने के लिए प्रत्येक व्यक्ति को अपने जीवन में ' निष्काम कर्म ' का प्रयोग करके देखना चाहिए और थोड़ा धैर्य रखना चाहिए फिर आप देखेंगे कि जीवन में कैसे चमत्कार घटित होते हैं । हमें यह याद रखना चाहिए कि ईश्वर के यहाँ आनंद बांटने की दुकान नहीं खुली है । हमारी पवित्र भावना और सत्कर्म से ही जीवन में आनंद प्राप्त होता है ।
लेकिन विडम्बना ये है कि सारी सुख - वैभव भोग कर भी लोगों को शान्ति नहीं है , जीवन में आनन्द नहीं है ।
जीवन में आनंद पाने का , सुकून से जीने का एक ही रास्ता है ---- हम धन कमायें , ठाठ - बाट से रहें , इसके साथ अपनी आय का छोटा सा भाग किसी और को , जरूरतमंद को सुख देने में खर्च करें । अपना भोजन करने के बाद , थोड़ा दाना - पानी पशु - पक्षियों को दें । कोई भी नेक कार्य नियमित करें । और अपनी आय , जीवन - स्तर में वृद्धि के साथ परोपकार की मात्रा भी बढ़ाएं ।
आनन्द पाने के लिए प्रत्येक व्यक्ति को अपने जीवन में ' निष्काम कर्म ' का प्रयोग करके देखना चाहिए और थोड़ा धैर्य रखना चाहिए फिर आप देखेंगे कि जीवन में कैसे चमत्कार घटित होते हैं । हमें यह याद रखना चाहिए कि ईश्वर के यहाँ आनंद बांटने की दुकान नहीं खुली है । हमारी पवित्र भावना और सत्कर्म से ही जीवन में आनंद प्राप्त होता है ।
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