एक  मजदूर  दिन  भर  मेहनत  कर   नमक - रोटी  खाकर  भी  स्वस्थ  रहता  है  और  गहरी  नींद  सोता  है  ।        यदि  हमें  स्वस्थ  रहना  है    तो  शारीरिक  श्रम  अवश्य  करना  चाहिए  ।      शरीर  को  स्वस्थ  रखने  के  लिए  आज  के  समय  में   योग , जिम  आदि  अनेक  साधन  हैं  लेकिन  जब  तक  जीवन  शैली  सही  न  होगी  इन  सबका  पूरा  फायदा  नहीं  मिल  पायेगा  ।   शरीर   को  स्वस्थ  रखने  के  लिए    जागरूकता  और  स्वयं  से  प्यार  होना  बहुत  जरुरी  है  ।   जिसे  स्वयं  से  प्यार  होगा  वह    शरीर   को  हानि  पहुँचाने  वाले  तत्वों ---- शराब , सिगरेट , गुटका , तम्बाकू  आदि   का  सेवन  नहीं  करेगा  ।  इस  क्षेत्र  में  भी  सद्बुद्धि  की जरुरत  है  ------ मनोरंजन  के  ऐसे  साधन  चुनो  जिसमे  शरीर  की  कसरत  हो  ।  दिन  भर  बैठ  कर  मैच  देखना ,  फिल्म  व  सीरियल  देखना  ,   इसमें  कोई  शारीरिक  श्रम  नहीं  है ,  यह   स्वयं  को  आलसी  बनाना  और  बीमारियों  को  निमंत्रण  देना  है  ।
आज के समय में लोगों ने काम न करना , कुर्सी पर बैठे रहना , अपना काम दूसरों से कराना , इसी को अमीरी और रुतबा समझा है । । लोग पढ़ - लिख कर शारीरिक श्रम के कार्य को छोटा समझते हैं , इसीलिए गरीबी और बेरोजगारी है ।
अध्यात्म की द्रष्टि से देखें तो शारीरिक श्रम करना , कर्तव्य पालन करना ही तपस्या है । योग के साथ तप जरुरी है ।
आज के समय में लोगों ने काम न करना , कुर्सी पर बैठे रहना , अपना काम दूसरों से कराना , इसी को अमीरी और रुतबा समझा है । । लोग पढ़ - लिख कर शारीरिक श्रम के कार्य को छोटा समझते हैं , इसीलिए गरीबी और बेरोजगारी है ।
अध्यात्म की द्रष्टि से देखें तो शारीरिक श्रम करना , कर्तव्य पालन करना ही तपस्या है । योग के साथ तप जरुरी है ।
 
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