अधिकांश लोग दूसरों का वैभव , पद - प्रतिष्ठा देखकर बड़ी जल्दी प्रभावित हो जाते हैं , फिर उन्हें अपने सुख दिखाई नहीं देते । दूसरों के ठाट - बाट अपने दिलोदिमाग पर इतना छा जाते हैं कि फिर उन्हें अपना जीवन खोखला प्रतीत होने लगता है , मन में निराशा और हीन भावना आ जाती है ।
सम्पूर्ण समाज इतनी जल्दी नहीं बदल सकता कि धन को महत्व न दे लेकिन प्रत्येक व्यक्ति की जिन्दगी उसकी अपनी है शान्ति से जीना है तो जो ईश्वर ने दिया उसमे संतोष रखे और निरंतर अपने परिश्रम , लगन और धैर्य के साथ सही दिशा में आगे बढ़ने का प्रयास करे ।
धन को बहुत महत्व देने के कारण ही संसार में अशान्ति है ।
अमीर बनने की चाहत में ही व्यक्ति समाज का हित नहीं देखता केवल अपना हित देखता है । लालच की वजह से व्यक्ति की बुद्धि भ्रष्ट हो जाती है ---- कॉलोनी बसाने के लिए जंगल और पहाड़ काट डालते हैं , चोरी छुपे शराब , मांस , हथियार और न जाने क्या -क्या बेच डालते हैं | जब लोग ऐसे व्यक्तियों को महत्व नहीं देंगे , अच्छे लोगों को चाहे उनके पास धन कम है , महत्व देंगे तो कम से कम ऐसे व्यक्ति विशेष का जीवन तो शान्ति से बीतेगा , फिर उसकी शान्ति से अन्य लोग भी प्रभावित होंगे ।
सम्पूर्ण समाज इतनी जल्दी नहीं बदल सकता कि धन को महत्व न दे लेकिन प्रत्येक व्यक्ति की जिन्दगी उसकी अपनी है शान्ति से जीना है तो जो ईश्वर ने दिया उसमे संतोष रखे और निरंतर अपने परिश्रम , लगन और धैर्य के साथ सही दिशा में आगे बढ़ने का प्रयास करे ।
धन को बहुत महत्व देने के कारण ही संसार में अशान्ति है ।
अमीर बनने की चाहत में ही व्यक्ति समाज का हित नहीं देखता केवल अपना हित देखता है । लालच की वजह से व्यक्ति की बुद्धि भ्रष्ट हो जाती है ---- कॉलोनी बसाने के लिए जंगल और पहाड़ काट डालते हैं , चोरी छुपे शराब , मांस , हथियार और न जाने क्या -क्या बेच डालते हैं | जब लोग ऐसे व्यक्तियों को महत्व नहीं देंगे , अच्छे लोगों को चाहे उनके पास धन कम है , महत्व देंगे तो कम से कम ऐसे व्यक्ति विशेष का जीवन तो शान्ति से बीतेगा , फिर उसकी शान्ति से अन्य लोग भी प्रभावित होंगे ।
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