' बच्चे देश का भविष्य ' हैं --- जो भी देश इस सत्य को समझते हैं वे अपने देश के बच्चों की हिफाजत करते हैं l यदि उनके देश के बच्चे किसी मुसीबत में फंस जाये , उनके ऊपर मृत्यु का खतरा मंडरा रहा हो तो वे उन्हें बचाने के लिए कोई कमेटी बिठाकर उसकी रिपोर्ट आने का इंतजार नहीं करते l अपनी सम्पूर्ण शक्ति लगाकर उन्हें बचाने का प्रयास करते हैं l यथा संभव विदेशों से भी मदद लेते हैं ताकि उनके देश का भविष्य सुरक्षित हो l अनेक देश ऐसे भी हैं जो अपने देश की गर्भवती महिलाओं की भी सामाजिक रूप से बहुत हिफाजत करते हैं , वे इस बात को समझते हैं कि उसके गर्भ में उनके देश का भविष्य है l यह सब तभी संभव होता है जब लोगों के ह्रदय में संवेदना हो , अपने देश से सच्चा प्रेम हो l
अनेक देश ऐसे भी हैं , जहाँ लोगों के ह्रदय में संवेदना सूख गई है l स्वार्थ , लालच , पैसा ही उनके लिए सब कुछ है l अपने घ्रणित स्वार्थ की पूर्ति के लिए वे मासूम बच्चे - बच्चियों पर ही अपनी ताकत आजमाते हैं l
अब विकास को केवल भौतिक द्रष्टि से नहीं आध्यात्मिक द्रष्टि से भी परिभाषित करने की जरुरत है k
अनेक देश ऐसे भी हैं , जहाँ लोगों के ह्रदय में संवेदना सूख गई है l स्वार्थ , लालच , पैसा ही उनके लिए सब कुछ है l अपने घ्रणित स्वार्थ की पूर्ति के लिए वे मासूम बच्चे - बच्चियों पर ही अपनी ताकत आजमाते हैं l
अब विकास को केवल भौतिक द्रष्टि से नहीं आध्यात्मिक द्रष्टि से भी परिभाषित करने की जरुरत है k
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