कोई भी देश व समाज तभी तरक्की करता है जब उसमे रहने वाले लोग स्वयं को आर्थिक और भावनात्मक दोनों क्षेत्र में ऊँचा उठाने का , श्रेष्ठ बनने का प्रयास करें l आज के समय में ऐसे लोगों की अधिकता है जो अपनी अधिकांश ऊर्जा इस बात में खर्च करते हैं कि सामने वाला व्यक्ति आगे न बढ़ पाए , उसकी तरक्की में बाधा डालने के लिए वे हर उचित - अनुचित तरीके इस्तेमाल करते है l इससे खींचतान की स्थिति बनी रहती है और समाज भी उनकी प्रतिभा और योग्यता के लाभ से वंचित रह जाता है l सुख - शांति के साथ विकास तभी होगा जब लोग ' जियो और जीने दो ' के सिद्धांत पर चलेंगे l
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