एक वाक्य है --- ' कलियुग में शक्ति संगठन में होती है ' इस वाक्य को अपना आदर्श बनाकर पुरे देश में तरह - तरह के छोटे - बड़े संगठन बन गए l इस वाक्य के पीछे जो मूल आधार था उसे भुला दिया कि-- संगठन का आधार नैतिकता हो , जिसका उद्देश्य और लक्ष्य महान हो l जैसे देश को आजाद कराने महान लक्ष्य लेकर लोग संगठित हुए , कष्ट सहे , त्याग किया तब इस महान लक्ष्य में सफलता मिली l लेकिन आज स्वार्थ और लालच और अहंकार जैसी दुष्प्रवृत्तियों का पोषण करने के लिए संगठनों की भरमार है l ऐसे संगठन ही समाज में अव्यवस्था फैलाते हैं
No comments:
Post a Comment