आज के समय में मुसीबत , कठिनाइयाँ और दुःख में डूबे इनसान के प्रति संवेदना प्रकट करना भी जीवन रूपी नाटक का एक हिस्सा बन गया है l सच्ची सहानुभूति और नि:स्वार्थ सहयोग करने वाले व्यक्ति बहुत कम या न के बराबर हैं l यदि किसी के ऊपर मुसीबत का पहाड़ टूट पड़ा और समस्या को सार्वजनिक करने से किसी की गरिमा को , सम्मान को ठेस पहुँचती है तो सहानुभूति के नाम पर मुंह बंद रखने की धमकी देने ज्यादा लोग आ जाते हैं l
आज का संसार गणित से चलता l कुछ लोग आपस में बहुत प्रेम से बात करते हैं , एक दूसरे का सहयोग कर रहे हैं तो इसका अर्थ यह नहीं कि वे एक दूसरे के प्रति सच्चे और बफादार हैं , उनका परस्पर स्वार्थ सिद्ध हो रहा है , इसलिए वे एक हैं l
आज का समय बहुत विवेक और समझदारी से चलने का है l यदि हमारे जीवन का पथ सही है तो अपनी समस्याओं से कैसे निपटें ? यह ज्ञान हमें अपने ही भीतर से , अपने अंतर से प्राप्त हो जाता है l
आज का संसार गणित से चलता l कुछ लोग आपस में बहुत प्रेम से बात करते हैं , एक दूसरे का सहयोग कर रहे हैं तो इसका अर्थ यह नहीं कि वे एक दूसरे के प्रति सच्चे और बफादार हैं , उनका परस्पर स्वार्थ सिद्ध हो रहा है , इसलिए वे एक हैं l
आज का समय बहुत विवेक और समझदारी से चलने का है l यदि हमारे जीवन का पथ सही है तो अपनी समस्याओं से कैसे निपटें ? यह ज्ञान हमें अपने ही भीतर से , अपने अंतर से प्राप्त हो जाता है l
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