महिलाओं पर अत्याचार के सम्बन्ध में सभी पुरुषों की मानसिकता एक सी होती है , चाहे वे किसी भी धर्म के हों , किसी भी जाति अथवा समाज के हों l अपने अहंकार की पूर्ति और अपने को नारी से श्रेष्ठ दिखाने की भावना , अपनी हुकूमत चलाने की आदत ऐसे अनेक कारण हैं जिससे वे नारी को उत्पीड़ित करते हैं l
घरेलू हिंसा एक अलग समस्या है l शिक्षा का प्रचार - प्रसार बढ़ रहा है , हम आधुनिक युग में जी रहे हैं लेकिन पुरुषों की मानसिकता नहीं बदली , इस कारण सामाजिक उत्पीड़न भी बहुत है l पुरुषों में नारी के प्रति मित्रता का भाव नहीं रहता , उसकी कमजोरी का फायदा उठाने का भाव प्रबल होता है l घर और बाहर दोहरी जिम्मेदारी की वजह से महिलाएं इतनी सजग नहीं हो पातीं इस कारण संस्थाओं में , समाज में उत्पीड़न सहना पड़ता है l
महिलाएं भी आपसी ईर्ष्या - द्वेष , महत्वाकांक्षा की वजह से , दूसरे को धक्का मार कर स्वयं आगे बढ़ने की इच्छा आदि कारणों से विभिन्न षड्यंत्रों में पुरुषों का साथ देती हैं l
इन सबसे परिवार और समाज में तनाव पैदा होते हैं l
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