जिनके पास धन है वे अपने भोग विलास और ऐश्वर्य प्रदर्शन में उलझे हैं l जिनके पास विद्दा बल है उनकी ऐंठ व अहंकार चरम सीमा पर है , वे लोग अपनी बुद्धि का प्रयोग चालाकी , चतुराई और धूर्तता के कारनामे करने में कर रहे हैं l ऐसा कर के व्यक्ति स्वयं अपने जीवन में अशांति , कष्ट और तनाव के बीज बो रहा है l
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