नैतिक शिक्षा की पुस्तक पाठ्यक्रम में सम्मिलित कर देने से नैतिकता का ज्ञान नहीं होता l मानवीय मूल्यों के आभाव में ज्ञान का , धन का , संचार के साधनों का , समूची वैज्ञानिक प्रगति का ही दुरूपयोग होता है l यह सत्य है कि अहंकारी और गलत राह पर चलने वाला दूसरों को तो कष्ट पहुंचाता है लेकिन स्वयं भी समूल नष्ट हो जाता है l
समस्या विकट इसलिए है क्योंकि बच्चों को शिक्षा देने वाले , उन्हें अच्छे संस्कार देने वाले बहुत कम हैं l भ्रष्टाचार , बेईमानी , स्वार्थ , झूठ , नशा, आदि गैर कानूनी कार्य करने वालों का बोलबाला है l जब तक जन चेतना नहीं जागेगी , लोग दूसरे के कष्ट को महसूस नहीं करेंगे , संवेदना नहीं जागेगी तब तक सुधार संभव नहीं है l
समस्या विकट इसलिए है क्योंकि बच्चों को शिक्षा देने वाले , उन्हें अच्छे संस्कार देने वाले बहुत कम हैं l भ्रष्टाचार , बेईमानी , स्वार्थ , झूठ , नशा, आदि गैर कानूनी कार्य करने वालों का बोलबाला है l जब तक जन चेतना नहीं जागेगी , लोग दूसरे के कष्ट को महसूस नहीं करेंगे , संवेदना नहीं जागेगी तब तक सुधार संभव नहीं है l
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