आज विश्व के अधिकांश देश राजनीतिक रुप से स्वतंत्र हें लेकिन हम अपने मन के गुलाम हैं, सारी सुख-सुविधाएँ जोड़ने के बाद भी मन असंतुष्ट रह्ता है, इसीलिए अशांत रहता है |
यदि हम मन की गुलामी से मुक्त हो जायें तो सारी समस्याएं हल हो जाएँ |
इस गुलामी से मुक्ति का सब से आसान रास्ता यही है कि हम जों भी कार्य करें वह पूर्ण मनोयोग से करें, मन को भटकने का मौका ही न दें । ऐसी कोई तकनीक, कोई मशीन नही है जों मन को नियंत्रण मे कर सके । हमारे आचार्य, ऋषियों ने बताया कि निष्काम कर्म करने से मन निर्मल हो जाता है | हम अपने जीवन में सन्तुलन रखें---- सांसारिक क्षेत्र में-- अपने कर्तव्य का पालन पूर्ण मनोयोग से करें और आध्यात्मिक क्षेत्र में--- अपने ईश्वर का स्मरण करने के साथ निःस्वार्थ सेवा के कार्य करने से ही मन कों शांति, सन्तोष व आनंद प्राप्त होगा ।
यदि हम मन की गुलामी से मुक्त हो जायें तो सारी समस्याएं हल हो जाएँ |
इस गुलामी से मुक्ति का सब से आसान रास्ता यही है कि हम जों भी कार्य करें वह पूर्ण मनोयोग से करें, मन को भटकने का मौका ही न दें । ऐसी कोई तकनीक, कोई मशीन नही है जों मन को नियंत्रण मे कर सके । हमारे आचार्य, ऋषियों ने बताया कि निष्काम कर्म करने से मन निर्मल हो जाता है | हम अपने जीवन में सन्तुलन रखें---- सांसारिक क्षेत्र में-- अपने कर्तव्य का पालन पूर्ण मनोयोग से करें और आध्यात्मिक क्षेत्र में--- अपने ईश्वर का स्मरण करने के साथ निःस्वार्थ सेवा के कार्य करने से ही मन कों शांति, सन्तोष व आनंद प्राप्त होगा ।
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